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23 साल की कानूनी लड़ाई : रेलवे को मुआवजा देने का निर्देश

भारी भीड़ के कारण ट्रेन से गिरकर पति की हुई थी मौत
सुप्रीम कोर्ट।
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सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 में एक रेल हादसे में अपने पति को खो चुकी महिला को वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद रेलवे से उचित मुआवजा दिलाने की व्यवस्था की। सायनोक्ता देवी के पति विजय सिंह के पास 21 मार्च, 2002 को बख्तियारपुर स्टेशन से भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस से पटना जाने के लिए वैध रेलवे टिकट था, लेकिन डिब्बे के अंदर भारी भीड़ के कारण वह दुर्घटनावश बख्तियारपुर स्टेशन पर ही चलती ट्रेन से गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

सायनोक्ता देवी ने इसके बाद पति की मौत का मुआवजा पाने के लिए करीब दो साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके दावे को रेलवे दावा न्यायाधिकरण और पटना हाईकोर्ट ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। सायनोक्ता देवी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष न्यायालय ने 2023 में रेलवे दावा न्यायाधिकरण और पटना हाईकोर्ट की दलीलों को खारिज करते हुए आदेशों को पूरी तरह से बेतुका, काल्पनिक और ‘रिकॉर्ड पर निर्विवाद तथ्यों के विपरीत’ करार देते हुए रद्द कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि यदि मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती तो उसके लिए पटना की यात्रा के लिए वैध रेलवे टिकट खरीदना लगभग असंभव होता और वह अकेले ट्रेन में चढ़ने की कोशिश भी नहीं करता। शीर्ष अदालत ने रेलवे को निर्देश दिया कि वह मृतक की पत्नी को दावा याचिका दायर करने की तारीख से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ दो महीने के भीतर चार लाख रुपये का मुआवजा दे।

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महिला को नहीं मिल सकी आदेश की जानकारी

दुर्भाग्यवश सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी महिला को नहीं मिल सकी क्योंकि उनके स्थानीय वकील का निधन हो गया था। दूसरी ओर रेलवे ने आदेश का पालन करने का प्रयास किया और सायनोक्ता देवी को विभिन्न पत्र लिखे, लेकिन सही पता न होने के कारण उनसे कोई जवाब नहीं मिल सका। ब्याज सहित मुआवजा देने में असमर्थ रेलवे ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

अब मिल सकेंगे चार लाख

तमाम कवायदों के बाद इस महीने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बृजेन्द्र चाहर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महिला के गांव का नाम गलत दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि अंततः स्थानीय पुलिस सही गांव ढूंढ़ने में सफल रही। पीठ ने रेलवे अधिकारियों को स्थानीय पुलिस की सहायता से महिला को मुआवजा राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।

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