कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) :
कोरोना वायरस 20 हजार साल से भी अधिक समय पहले पूर्वी एशिया में संभवत: प्रकोप बरपा चुका है। इसके अवशेष आधुनिक चीन, जापान और वियतनाम के लोगों के डीएनए में पाए गये हैं। ‘करंट बायोलॉजी’ में प्रकाशित अनुसंधान में इन क्षेत्रों में आधुनिक आबादी के 42 जीन में वायरस के कोरोना वायरस परिवार के आनुवांशिक अनुकूलन के प्रमाण मिले हैं। वायरस और अन्य रोगजनकों के कारण होने वाले संक्रमण का इतिहास हजारों साल पुराना है। इन वायरस के अनुकूल शरीर के ढलने के बाद कई आनुवांशिक निशान पीछे रह जाते हैं। वायरस मेजबान कोशिका से पैदा हुए विशिष्ट प्रोटीन के साथ संपर्क करता है और उससे जुड़ता है, जिसे वायरल इंटरेक्टिंग प्रोटीन (वीआईपी) कहते हैं। दुनिया के 26 देशों के 2500 से अधिक लोगों के जीनोम के अध्ययन में 42 अलग-अलग जीन में अनुकूलन के प्रमाण मिले, जो वीआईपी के बारे में बताते हैं। ये वीआईपी संकेत केवल 5 स्थानों की आबादी में मौजूद थे और ये सभी स्थान पूर्वी एशिया से थे, कोरोना वायरस परिवार के पूर्व में सामने आए वायरस की उत्पत्ति संभवत: इन्हीं स्थानों पर हुई। इसका अर्थ यह है कि आधुनिक पूर्वी एशियाई देशों के पूर्वज करीब 20 हजार से 25 हजार साल पहले कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं।