Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

1984 Sikh riot case: फांसी या उम्रकैद? सज्जन कुमार की सजा पर फैसला 25 को सुनाएगी कोर्ट

1984 Sikh riot case: शिकायकर्ता के पति और बेटे की हत्या भीड़ ने कर दी थी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सज्जन कुमार की फाइल फोटो।
Advertisement

नई दिल्ली, 21 फरवरी (एजेंसी)

1984 Sikh riot case: 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की सजा पर दिल्ली की एक अदालत ने 25 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत से सज्जन कुमार को मौत की सजा देने की मांग की। शिकायकर्ता के पति और बेटे की हत्या भीड़ ने कर दी थी।

Advertisement

शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फूलका ने अदालत में दलील दी कि, "आरोपी (सज्जन कुमार) एक नेता के रूप में भीड़ को उकसाने का दोषी हैं। उन्होंने नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध को अंजाम दिया है। ऐसे में उन्हें केवल फांसी की सजा ही दी जानी चाहिए।"

विशेष न्यायाधीश कावेरी बवेजा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 25 फरवरी को सजा की मात्रा (quantum of sentence) पर फैसला सुनाने का निर्णय लिया। अदालत ने सज्जन कुमार के वकीलों को दो दिन के भीतर अपनी लिखित दलीलें जमा करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में हजारों निर्दोष सिखों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कई दशकों बाद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है और अब अदालत उनके सजा के ऐलान की तैयारी कर रही है।

Advertisement
×