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1700 फ्लैट खरीदारों से 1100 करोड़ की ठगी, ग्रीनोपोलिस हाउसिंग प्रोजेक्ट मामले में ED की बड़ी कार्रवाई

थ्री सी शेल्टर्स व प्रमोटर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, ईडी ने अटैच की 506 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी
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Gurugram Greenopolis Project Case: गुरुग्राम के सेक्टर-89 स्थित बहुचर्चित ग्रीनोपोलिस हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की गुरुग्राम जोनल इकाई ने थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर्स निर्मल सिंह, विदुर भारद्वाज और सुरप्रीत सिंह सूरी, समूह की अन्य कंपनियों और सहयोगियों के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दाखिल की है। यह चार्जशीट नई दिल्ली के साकेत स्थित विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में दाखिल की गई।

इस पर अदालत ने आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया। इस घोटाले की जांच की शुरूआत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एफआईआर से हुई थी। सैकड़ों होम बायर्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट में उन्हें न तो फ्लैट दिया गया और न ही उनकी जमा रकम लौटाई गई। खरीदारों का आरोप था कि डेवलपर्स ने उनके साथ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात किया है।

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जांच में पता चला कि नवंबर 2011 में थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त विकास समझौता किया था। 2012 में ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट लॉन्च हुआ। इसमंे 29 टावर और करीब 1700 फ्लैट बनाने का वादा किया गया था। कंपनी ने खरीदारों से 1100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल ली। कई उपभोक्ताओं से 90 प्रतिशत तक वसूली की जा चुकी है लेकिन किसी को अभी तक कब्जा नहीं दिया गया।

600 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

इस प्रोजेक्ट का निर्माण 2016 में पूरी तरह रुक गया और केवल अधूरे ढांचे खड़े रह गए। ईडी की जांच में सामने आया कि कंपनी और उसके प्रमोटर्स ने 600 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को विभिन्न तरीकों से हड़प लिया और दूसरे कामों में लगा दिया। यही नहीं, 214 करोड़ से अधिक की राशि समूह की अन्य कंपनियों में डाइवर्ट की गई। इसी तरह 131 करोड़ से अधिक की राशि कोलकाता की शेल कंपनी – एनयू रुचि बर्टर प्राइवेट लिमिटेड के जरिए घुमाए।

अन-सोल्ड इन्वेंट्री का दुरुपयोग

ईडी की जांच में साफ हुआ है कि 125 करोड़ 67 लाख रुपये ग्लोबस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से (सिपऑन) किए गए। करीब दो लाख वर्ग फुट अनसोल्ड इन्वेंट्री (90 करोड़ रुपए मूल्य) का गैर-प्रोजेक्ट कार्यों में दुरुपयोग किया गया। ईडी रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर हरमीत सिंह ओबेरॉय, मुख्य आरोपी निर्मल सिंह के साले हैं। यानी फंड हेराफेरी के लिए पारिवारिक कंपनियों का भी इस्तेमाल किया गया।

506 करोड़ की संपत्ति अटैच

ईडी ने 25 नवंबर, 2024 को आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज़, रिकॉर्ड और अचल संपत्तियों का पता चला। बाद में ईडी ने 506.45 करोड़ रुपए मूल्य की चल-अचल संपत्तियां अटैच कीं। अब ईडी ने अदालत से मांग की है कि इन अटैच संपत्तियों को कंफिस्केट (सरकारी खजाने में जमा) किया जाए।

बरसों से भटक रहे खरीदार

ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट के पीड़ित होम बायर्स का कहना है कि वे वर्षों से न तो अपने सपनों का घर पा सके और न ही उनकी मेहनत की कमाई उन्हें वापस मिली है। खरीददारों का कहना है कि आठ-दस साल हो गए, न घर मिला न पैसा वापस। अदालत से ही अब हमें न्याय की उम्मीद है। ईडी की चार्जशीट और ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के आधार पर मामला फिलहाल साकेत कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में जल्द ही आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

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