श्रीनगर, 25 जून (एजेंसी)
नियंत्रण रेखा के उस पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बने अलग-अलग लांचिंग पैड पर करीब 150 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं। जबकि, मनसेरा, कोटली और मुजफ्फराबाद स्थित 11 शिविरों में 500 से 700 अन्य आतंकवादी प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह दावा सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को किया।
सेना के अधिकारी ने कहा कि इस साल अब तक एलओसी पार कर घुसपैठ की कोई कोशिश सफल नहीं हुई है। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में विदेशी आतंकवादियों के मारे जाने का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘मई तक सब कुछ ठीक रहा है। एक विशेष समूह था जिसके बारे में आप जानते हैं और उसे बांदीपोरा और सोपोर में मार गिराया गया।’ सैन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अब घुसपैठ के लिए पूर्व में पहचान किए गए रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अधिकारी के अनुसार, अब घुसपैठ का केंद्र मोटे तौर पर दक्षिण पीर पंजाल स्थानांतरित हो गया है। ऐसी जानकारी है कि कुछ लोग नेपाल के रास्ते भी आने की कोशिश कर रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा : इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गयी है। थलसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर इस बार पहले से तीन से चार गुना अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस साल अमरनाथ यात्रा को खतरा अधिक है। आमतौर पर हमें हर साल यात्रा को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जा सकने की सूचना मिलती है, लेकिन इस बार ऐसी जानकारी अधिक है।’ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन को इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है, क्योंकि गत चार साल में यह पहली यात्रा हो रही है। सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, ड्रोन से निगरानी के साथ-साथ आरएफआईडी चिप भी श्रद्धालुओं की त्री-स्तरीय सुरक्षा का हिस्सा होगा। अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू होगी और 11 अगस्त को संपन्न होगी।