हरियाणा के 121 परिवारों को दी जाएगी सरकारी नौकरी
1984 के सिख विरोधी दंगों में अपने किसी सदस्य को खो चुके हरियाणा के 121 परिवारों को अब लगभग 41 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद सरकारी नौकरी मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को ‘सरकारी संकल्प पत्र’ पेश करते हुए ऐतिहासिक घोषणा की। सैनी ने सदन को बताया कि इन दंगों में प्रदेश के लगभग 20 गुरुद्वारे, 221 मकान, 154 दुकानें, 57 फैक्टरियां, 3 रेल डिब्बे और 85 वाहन जले थे।
इस दौरान 58 लोग घायल हुए और 121 की मौत हुई। उन्होंने पीड़ित परिवारों से अनुरोध किया कि वे आपसी सहमति से अपने किसी सदस्य का नाम अपने जिले के उपायुक्त के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजें। सरकार जल्द ही इसके लिए हिदायतें जारी करेगी। सैनी ने यह प्रस्ताव श्रीगुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर पेश किया। उन्होंने सदन में गुरु साहिब और उनके अनुयायियों की वीरता का स्मरण किया और हरियाणा में उनके पवित्र गुरुद्वारों की महत्ता को रेखांकित किया।
उन्होंने भाई जैता जी और सोनीपत के गांव बड़खालसा के शहीद कुशाल सिंह दहिया की वीरता का उल्लेख किया, जिनके बलिदान के कारण गुरु साहिब का पवित्र शीश सुरक्षित रूप से श्री आनंदपुर साहिब तक पहुंच सका। सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ।
इस अवसर पर कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने सुझाव दिया कि प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय का नाम श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के नाम पर रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचाराधीन है। हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में भाजपा इस कदम के जरिए सिख समुदाय के प्रति अपनी सक्रिय और संवेदनशील छवि पेश करने का प्रयास कर रही है, जबकि कांग्रेस लंबे समय से इस मुद्दे पर जवाबदेही और राजनीतिक दबाव में रही है।