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World Hypertension Day : साइलेंट किलर से लड़ने का मंत्र: डाइट, एक्सरसाइज और तनाव से दूरी, डॉ. सुधांशु बुडाकोटी ने दी अहम सलाह

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर डॉ. सुधांशु बुडाकोटी ने दी अहम सलाह
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विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)

World Hypertension Day : सिर में हल्का दर्द, थोड़ी थकान, या बस चक्कर जैसा महसूस होना... कई बार शरीर हमें जो संकेत देता है, हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये संकेत हाई ब्लड प्रेशर – उस "साइलेंट किलर" – के हो सकते हैं, जो बिना शोर किए दिल, दिमाग और किडनी तक पर हमला कर सकता है?

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हाइपरटेंशन का नाम सुनते ही लगता है कि ये सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी है, लेकिन आज यह युवाओं तक को चपेट में ले रही है। ऐसे में 17 मई को मनाया जाने वाला वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि चेतावनी है कि अब जागने का वक्त है।

फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुधांशु बुडाकोटी कहते हैं, “हाई बीपी को नजरअंदाज करना खुद से खतरा मोल लेने जैसा है। जब बीपी 140/90 mmHg के पार चला जाता है, तो सतर्क हो जाना चाहिए। अगर यह 180/120 mmHg के पार पहुंच जाए, तो यह मेडिकल इमरजेंसी बन जाता है।”

मिथक बनाम सच्चाई

डॉ. बुडाकोटी बताते हैं कि लोगों में कई गलतफहमियां हैं। जैसे – "उम्र बढ़ने पर 150–160 बीपी सामान्य है", या "दवा से बीपी बहुत नीचे चला जाएगा, जिससे दिक्कत होगी।" उन्होंने स्पष्ट कहा, "ये भ्रम बेहद खतरनाक हैं। बीपी चाहे हाई हो या लो – दोनों स्थिति में नियंत्रण और इलाज जरूरी है।"

कौन से लक्षण दें संकेत

अगर आपको बार-बार सिरदर्द होता है, चक्कर आते हैं, सांस लेने में दिक्कत होती है या नाक से खून आता है – तो सावधान हो जाएं। ये संकेत हाइपरटेंशन के हो सकते हैं।

क्या करें?

-आहार में नमक की मात्रा कम करें

-हर दिन कम से कम 30 मिनट पैदल चलें

-शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं

-वजन नियंत्रित रखें

-तनाव को योग और ध्यान से काबू में रखें

-वायु प्रदूषण से बचें

-सबसे जरूरी: समय-समय पर बीपी की जांच कराएं।

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