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Women's Day 2025 : बैंगनी रंग नारीवाद का रंग क्यों है? हरे और सफेद रंग का भी जानिए इस दिन से खास कनेक्शन

Women's Day 2025 : बैंगनी रंग नारीवाद का रंग क्यों है? हरे और सफेद रंग का भी जानिए इस दिन से खास कनेक्शन
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चंडीगढ़, 7 मार्च (ट्रिन्यू)

Women's Day 2025 : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना महिलाओं और उनके अस्तित्व के सार को सम्मान देने के लिए की गई थी। इस दिन का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ना और समानता स्थापित करना है। महिला दिवस का बैंगनी, हरा और सफेद रंगों से गहरा संबंध है। यह रंग न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष और समानता की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रतीक भी हैं। इन रंगों का उपयोग महिला आंदोलन के दौरान हुआ और यह आज भी महिला दिवस के समारोहों और अभियानों में प्रमुख रूप से देखा जाता है।

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बैंगनी रंग नारीवाद का रंग क्यों है?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमेशा से बैंगनी रंग से जुड़ा रहा है। इस दिन अक्सर आप बैंगनी रंग के पोस्टर और Google डूडल देख सकते हैं । वहीं, कार्यस्थल पर भी महिलाओं को अक्सर इस दिन बैंगनी रंग के कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है। बैंगनी रंग को अक्सर गरिमा, न्याय और महिला आंदोलन के प्रति वफादारी से भी जोड़ा जाता है।

बैंगनी रंग को महिला सशक्तिकरण और अधिकारों के आंदोलन का प्रमुख रंग माना जाता है। यह रंग सम्राटी शक्ति, गरिमा और सम्मान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से, बैंगनी रंग महिलाओं के संघर्ष और समानता की ओर बढ़ने के प्रतीक के रूप में उभरा है। जब 1908 में न्यूयॉर्क शहर में महिलाओं ने मताधिकार और बेहतर कार्य परिस्थितियों के लिए संघर्ष किया था, तो उन्होंने बैंगनी रंग का उपयोग किया था। तब से बैंगनी रंग महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बन गया।

बैंगनी रंग महिला दिवस मार्च

इसके अलावा बैंगनी वह रंग है जो गुलाबी और नीले रंग को मिलाने पर बनता है। दूसरे शब्दों में, स्याही स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाला रंग है जबकि नीला मर्दाना ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में बैंगनी रंग का इस्तेमाल समानता को व्यक्त करने के लिए भी किया जाता है।

हरा रंग

हरा रंग उम्मीद और विकास का प्रतीक है। महिला दिवस के संदर्भ में, हरा रंग महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुधारों की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। यह रंग आशा, प्रगति और समृद्धि के विचारों को प्रकट करता है और यह दर्शाता है कि महिलाओं के लिए समान अवसर प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हरे रंग का संदेश यह है कि महिलाओं को समानता और स्वतंत्रता की दिशा में लगातार बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि वे समाज में पूर्ण रूप से विकसित हो सकें।

सफेद रंग

सफेद रंग शांति, निष्पक्षता और सत्य का प्रतीक है। यह रंग महिला आंदोलन के विचारों को दर्शाता है, जिसमें महिलाएं समानता, न्याय और अधिकारों की बात करती हैं। सफेद रंग का मतलब है शांति की स्थापना और बिना भेदभाव के समानता की ओर बढ़ना। जब महिला आंदोलन शुरू हुआ था, तो सफेद रंग का उपयोग महिलाओं की राजनीतिक समानता, न्याय और अधिकारों के लिए उनके शांतिपूर्ण संघर्ष का प्रतीक बना। यह रंग उस समय के साथ-साथ आज भी महिलाओं के लिए एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।

इस प्रकार, महिला दिवस का बैंगनी, हरा और सफेद रंगों से कनेक्शन न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह महिला अधिकारों के लिए किए गए संघर्षों और उपलब्धियों का प्रतीक भी है।

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