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Vimi Painful Life : रातों-रात स्टार बनी एक्ट्रेस का दर्दनाक अंजाम... पति करवाता था देह व्यापार, ठेले पर लावारिस गई लाश, रूह कंपा देगी दास्तान

लग्जरी गाड़ियों में घूमने वाली 60s की एक्ट्रेस विमी की दर्दनाक कहानी, पति ने बर्बाद कर दी जिंदगी
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चंडीगढ़, 2 मार्च (ट्रिन्यू)

Vimi Painful Life : बॉलीवुड की चकाचौंध जितनी बाहर से देखने में खूबसूरत लगती है अंदर से उतनी ही डरावनी भी है। इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से स्टार है जो रातों-रात सुपरस्टार बन गए लेकिन कुछ ऐसे सितारें भी हैं जिनका करियर ऐसा बर्बाद हुआ कि वो गुमनामी के अंधेरे में खो गए। आज हम आपको अपने जमाने की प्रसिद्ध अभिनेत्री विमी के बारे में बताने जा रहे हैं।

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घर के बाहर लगती थी डायरेक्टर्स की लाइन्स

एक्ट्रेस विमी और उनके पति की कहानी भारतीय सिनेमा की एक दुखद और अनकही कहानी है। विमी 1970 दशक की लोकप्रिय और सबसे रईस एक्ट्रेस हुआ करती थीं। विमी को अपनी फिल्म में लेने के लिए प्रोड्यूसर घर के बाहर लाइन लगाया करते थे। पंजाब के जालंधर शहर में जन्मीं विमी का पूरा नाम विमलेश वाधवा था। जब उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा तो वह पहले से ही शादीशुदा थी। उन्होंने कलकत्ता के मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट शिवराज अग्रवाल से शादी की थी, जिनसे उनके दो बच्चे भी थी।

परिवार ने कर दिया जायदाद से बेदखल

पति अमीर बिजनेसमैन थे इसलिए वो आए दिन पार्टीज में जाया करते थे। एक दिन पार्टी में म्यूजिक डायरेक्टर रवि ने विमी को देखा और फिल्मों में काम करने के लिए कहा। विमी ने अपने पति से इस बारे में बात करके उन्हें हां कर दी। म्यूजिक डायरेक्टर ने बी.आर. चोपड़ा से विमी की मुलाकात करवाई, जिसके बाद उन्होंने 'हमराज' फिल्म साइन की। मगर, जब उनके ससुरालवालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने मना कर दिया लेकिन उनके पति अड़ गए। इसके बाद विमी के पति ने घर छोड़ने का फैसला कर लिया और परिवार वालों ने भी उन्हें जायदाद से बेदखल करके सारे रिश्ते तोड़ दिए। इसके बाद विमी ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा।

पहली फिल्म से बनीं रातो-रात स्टार

1967 में रिलीज हुई हमराज से विमी रातो-रात स्टार बन गई। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने "लव इन टोक्यो", "रातों की धुंध", "गुमराह", और "दिल की राहें" जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। वह पृथ्वीराज कपूर के साथ नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म 'नानक नाम जहाज का' में भी नजर आईं। मगर उनकी ये कामयाबी बस कुछ ही पलों की थी।

पति के हस्तक्षेप से बर्बाद हुआ करियर

उनके पति ने विमी के फिल्मों का हिसाब रखना शुरु कर दिया। वह खुद ही उनके लिए प्रोजेक्ट चुनता, जिसके कारण उनका करियर बर्बाद होता चला गया। बी.आर. चोपड़ा के साथ उन्होंने 3 फिल्में साइन की थी। एक दिन किसी सीन के लिए उन्हें आउटडोर शूटिंग पर जाना था लेकिन उनके पति ने मना कर दिया। चोपड़ा साहब उन्हें समझाने के लिए उनके घर आए लेकिन उनके बीच बहस हो गई। आखिरकार तंग आकर बी.आर. चोपड़ा ने विमी के साथ सभी कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर दिए।

फिल्में मिलना बंद हुईं, कर्जे में डूबी विमी

बी.आर. चोपड़ा के साथ हुए विवाद के बाद हर किसी ने विमी के साथ काम करने से मना कर दिया। उनकी करीब 10 फिल्में रिलीज हुई, जिनमें ज्यादातर फ्लॉप रहीं। इसके कारण विमी पर फ्लॉप एक्ट्रेस का ठप्पा लग गया। धीरे-धीरे उनकी सारी सेविंग्स खत्म होती चली गई। घर चलाने के लिए उन्होंने कोलकाता में जो टेक्सटाइल कंपनी खोली थी वो भी बंद पड़ गई। इसके बाद विमी भारी कर्जे में डूब गईं। उधर, उनका पति शराब पीकर विमी के साथ मारपीट करता और पैसे मांगता। पैसों के लिए विमी के पति ने उनपर कुछ बी व सी-ग्रेड फिल्मों में काम करने का भी दबाव बनाया लेकिन वो भी नहीं मानीं। पति का रवैया बद् से बद्तर हो रहा। इसी बीच, विमी की मुलाकात जॉली नाम के प्रोड्यूसर से हुई, जिन्होंने उसे काम दिलवाने का वादा किया। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे से प्यार में पड़ गए और विमी ने पति का घर छोड़ जॉली के साथ रहना शुरु कर दिया। जॉली के साथ रहते हुए विमी को शराब की लत लग गई।

शराब ने बर्बाद कर दी विमी की जिंदगी

कुछ दिनों बाद विमी ने पति का नोटिस भेज दिया। तलाक के लिए विमी को कोर्च के चक्कर काटने पड़ते थे। तभी उनकी मुलाकात म्यूजिक कंपोजर रवि से हुई, जिन्होंने उसे फिल्मों में काम दिलवाया था। उन्होंने वहीं रोते हुए रवि को सारी कहानी सुनाई। रवि ने उन्हें तसल्ली देते हुए कहा कि वो उनके पति से बात करेंगे। फिर रवि एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के सिलसिले में वर्ल्ड टूर पर निकल गए और जब तक वो लौटे तो विमी की मौत हो चुकी थी।

जॉली जबरदस्ती करवाता था देह व्यापार

एक समय के बाद विमी और जॉली के पास पैसे खत्म हो गए। ऐसे में जॉली ने विमी से जबरदस्तीदेह व्यापार का काम करवाना शुरु कर दिया। विमी की करीबी दोस्त रहीं कृष्णा ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान इस बात की पुष्टि की थी। जॉली से तंग आकर एक दिन विमी ने उसे भी छोड़ दिया और अकेली रहने लगी।

जनरल वॉर्ड में भर्ती रहीं, शराब से हुई मौत

मगर, शराब के कारण विमी की लिवर खराब हो गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे और ना ही उनका कोई रिश्तेदार थी। हालत बिगड़ने पर विमी ने जॉली से संपर्क किया, जिसके बाद उसने विमी को मुंबई के नानावटी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में भर्ती करवाया लेकिन इसके बाद वो उनसे मिलने तक नहीं आया। आखिरकार 22 अगस्त 1977 को विमी ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के स्टाफ ने जॉली को डेडबॉडी ले जाने को कहा।

ठेले में रखकर श्मशान घाट पहुंचाई गई थी विमी की डेडबॉडी

जब जॉली अस्पताल तो पहुंचा तो उसके पास एंबुलेंस के पैसे भी नहीं थे। कुछ घंटों बाद जॉली ने अस्पताल के बाहर खड़े चायवाले से ठेला मांगकर विमी का शव श्मशान घाट तक पहुंचाया। जब मीडिया को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने खबर फैला दी। इसके बावजूद भी महज 9 लोग ही विमी के अंतिम संस्कार में पहुंचे, जिनमें प्रोड्यूसर तेजनाथ जार, एस.डी. नारंग के भाई भी शामिल थे।

दोस्त ने कहा था- मौत उसके लिए ब्लेसिंग

विमी के करीबी दोस्त कृष्णा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि विमी की मौत को उनके लिए पेन रिलीवर थी। जिस दर्दनाक हालात में विमी अपनी जिंदगी गुजारी रही थी, उससे कई गुना ज्यादा बेहतर उनके लिए मौत थी।

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