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फिल्म 'बंगाल 1947' में सामाजिक ताने-बाने की पेशकश

नयी दिल्ली : हटकर नया कटेंट देने का दावा करते हुए फिल्म निर्माता सतीश पांडे 'बंगाल 1947' के नाम से अपनी नयी फिल्म लेकर आए हैं। हाल ही में रिलीज इस फिल्म में एक अलग तरह की कहानी है। पांडे...
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नयी दिल्ली : हटकर नया कटेंट देने का दावा करते हुए फिल्म निर्माता सतीश पांडे 'बंगाल 1947' के नाम से अपनी नयी फिल्म लेकर आए हैं। हाल ही में रिलीज इस फिल्म में एक अलग तरह की कहानी है। पांडे दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। इस फिल्म में उनके ऋषभ पांडे ने बतौर निर्माता अपनी भूमिका निभाई है। कोमफेड प्रोडक्शन हाउस और थिंक टैंक ग्लोबल के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन आकाशदित्य लामा द्वारा किया गया है। यह फिल्म प्रसिद्ध नाटक 'शबरी का मोहन' पर आधारित है। इस फिल्म को प्रोड्यूस करने के अपने फैसले के बारे में सतीश पांडे कहते हैं कि, 'इस फिल्म की कहानी हमारी प्रोडक्शन कंपनी के विजन से पूरी तरह मेल खाती है, क्योंकि आज जिस तरह की फिल्में बन रही हैं, उनके बीच 'बंगाल 1947' समाज के सकारात्मक पहलू को बेहद खूबसूरती से बयां करती है। बतौर फिल्म निर्माता हमारा यह दायित्व है कि ऐसे विषयों को सिनेमा पर प्रदर्शित किया जाए, जो समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।' अपने फिल्मी सफर के बारे में पांडे बताते हैं कि, 'चार दशक के अपने फिल्मी सफर के दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा है। मेरी इस यात्रा में मुझे मिले दो राष्ट्रीय पुरस्कारों ने मेरे हौंसले को नयी उड़ान देने का काम किया है और मुझे विश्वास है कि आगे भी हम अपनी टीम के साथ मिलकर इसी तरह अच्छी अच्छी फिल्में दर्शकों के लिए लाते रहेंगे।'

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