रूस-यूक्रेन जंग के बीच ‘फिल्मी युद्ध’ की चर्चा भी खूब हो रही है। विभिन्न युद्धों पर डॉक्यूमेंट्री से लेकर फिल्में या सीरीज बनती रही हैं। आइये कुछ प्रमुख फिल्मों पर बात करें।
फीचर डेस्क
घर-परिवार, प्यार, बिछोह, गैंगवार, ऐतिहासिक किरदार जैसे तमाम मुद्दों पर तो फिल्में बनती ही रही हैं, लेकिन युद्ध भी फिल्मकारों का पसंदीदा विषय रहा है। कभी काल्पनिक तो कभी हकीकत पर आधारित। काल्पनिक युद्ध वाली फिल्मों में जहां तकनीक का ज्यादा प्रयोग करते हुए भविष्य की संभावनाओं-आशंकाओं पर गहरी नजर होती है, वहीं हकीकत की घटनाओं पर आधारित फिल्मों में भावनाओं-जज्बात को दर्शाने की कोशिश होती है। इधर, रूस-यूक्रेन में जंग के बीच जब युद्ध संबंधी फिल्मों पर बात छिड़ी तो यही चर्चा हुई कि इस पर भी फिल्म बनेगी। फिल्म से पहले इस युद्ध पर निश्चित तौर से डाक्यूमेंट्री तो आएगी ही। चलिए आज बात करते हैं युद्ध पृष्ठभूमि पर बनीं फिल्मों की।
अगर बात की शुरुआत बॉलीवुड से करें तो यहां सबसे पहले नाम आता है फिल्म ‘हकीकत’ का। यह फिल्म भारत-चीन युद्ध को लेकर थी। सब जानते हैं कि वर्ष 1962 में चीन ने अचानक भारत पर हमला बोल दिया था। भारत के जांबाजों ने जो वीरता दिखाई, उसका वर्णन चंद शब्दों में करना मुश्किल है। उसी जज्बे को इस फिल्म में दिखाया गया है। वर्ष 1964 में रिलीज इस फिल्म का गीत ‘कर चले हम फिदा जानो तन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो’ बहुत हिट रहा। चेतन आनंद द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में धर्मेंद्र, बलराज साहनी प्रमुख भूमिका में रहे। ‘हकीकत’ के बाद जिस फिल्म की सर्वाधिक चर्चा होती है वह है ‘बॉर्डर।’ वर्ष 1997 में जेपी दत्ता ने राजस्थान की सीमा पर 1971 की भारत-पाकिस्तान युद्ध की एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बनाई। यह फिल्म सुपर-डुपर हिट रही। फिल्म में सनी देओल, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, जैकी श्रॉफ, पुनित इस्सर आदि कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। इसका गीत ‘संदेशे आते हैं… कि घर कब आओगे’ खूब सुना जाता है। इसके बाद साल 2003 में आई फिल्म ‘एलओसी-कारगिल’। इस फिल्म की कहानी 1999 के भारत-पाक के बीच हुए कारगिल युद्ध की है। जेपी दत्ता द्वारा निर्देशित मल्टीस्टारर इस फिल्म में अजय देवगन, अरमान कोहली, संजय दत्त, सैफ अली खान, सुनील शेट्टी, अभिषेक बच्चन, मनोज वाजपेयी, आशुतोष राणा आदि हैं। इसी तरह एक अन्य फिल्म ‘लक्ष्य’ में भी कारगिल युद्ध को दिखाया गया है। इसमें रितिक रोशन के साथ प्रीति जिंटा, अमिताभ बच्चन आदि कलाकार हैं। एक और फिल्म का जिक्र करना यहां मौजूं होगा और वह है ‘द गाजी अटैक’- यह फिल्म 2017 में रिलीज हुई थी। असल में यह फिल्म भारतीय नौसेना के पहले अंडरवाटर सबमरीन ऑपरेशन की है, जिसमें नौसेना की आईएनएस राजपूत पनडुब्बी ने पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाजी को बर्बाद कर दिया था। ‘पलटन’ भी एक ऐसी ही फिल्म है। वर्ष 2018 में रिलीज इस फिल्म में लेफ्टिनेंट कर्नल राज सिंह यादव की कहानी बताई गई है जिन्होंने अपने सैनिकों के समूह के साथ, अपने प्रियजनों से दूर होने के दर्द से निपटने के लिए चीनियों से नाथू ला दर्रे की रक्षा के लिए वीरता की मिसाल पेश की थी। इसी साल एक और फिल्म आई ‘सूबेदार जोगिंदर सिंह।’ सूबेदार जोगिंदर सिंह ने 1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान शहीद होने तक तीन लड़ाइयां लड़ी थीं। अगले साल यानी वर्ष 2019 में एक फिल्म रिलीज हुई ‘72 ऑवर्स- मार्टियर हू नेवर डाइड।’ इसमें राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की कहानी है। उन्होंने 72 घंटों तक अकेले दुश्मनों का मुकाबला किया। इसी तरह कुछ फिल्में और आईं जिनका कथानक युद्ध और भारत के बहादुर जांबाजों का जिक्र था। इनमें वर्ष 2017 में रिलीज ‘ट्यूबलाइट’ के अलावा वर्ष 1963 में रिलीज ‘रथ थिलगम’ भी है।
इन सबके अलावा हाल के वर्षों में रिलीज ‘केसरी’, ‘उड़ी द सर्जिकल स्ट्राइक’, भुज-द प्राइड ऑफ इंडिया, शेरशाह आदि भी बेहतरीन फिल्मों में से हैं। अक्षय कुमार अभिनीत केसरी ऐतिहासिक घटनाक्रम पर आधारित फिल्म है। मामला 12 सितंबर 1897 का है। उस वक्त बहादुर सिख हवलदार ईशर सिंह सारागढ़ी की लड़ाई में 21 सिखों की एक सेना के साथ 10,000 अफगानों के खिलाफ जंग लड़ता है। बेहतरीन कथानक और फिल्मांकन के चलते इस फिल्म को खूब पसंद किया गया। इसी तरह उड़ी : द सर्जिकल स्ट्राइक भारत द्वारा लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पार पाकिस्तानी आतंकवादियों पर किए गए प्रहार पर आधारित है। इस फिल्म में विक्की कौशल और यामी गौतम मुख्य भूमिका में हैं। इसके अलावा परेश रावल, कीर्ति कुल्हारी, और मोहित रैना आदि अन्य किरदारों में नजर आते हैं। परेश रावल की भूमिका इसमें काफी दमदार है। भुज द प्राइड ऑफ इंडिया में अजय देवगन, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फ़तेही और एमी विर्क अहम किरदारों में हैं। कोविड की वजह से यह फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो पाई और ओटीटी पर इसे देखा गया। इस फिल्म की कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। अजय देवगन तत्कालीन भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज विजय कार्णिक के किरदार में हैं। इस युद्ध के दौरान स्क्वैड्रन लीडर विजय कार्णिक भुज एयरपोर्ट पर अपनी टीम के साथ मौजूद थे, यहां की हवाई पट्टी तबाह हो गई थी। इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से भारी बमबारी की जा रही थी। इस समय एयरबेस पर उनके साथ 50 एयरफोर्स और 60 डिफेंस सिक्योरिटी के लोग मौजूद थे। विजय कार्णिक और उनकी टीम ने इलाके की 300 महिलाओं के साथ मिलकर उसे फिर से तैयार किया। फिल्म शेरशाह कारगिल वार के हीरो रहे कैप्टन ‘विक्रम बत्रा’ के जीवन को लेकर बनाई गई है जिसमें उनका किरदार सिद्धार्थ मल्होत्रा ने निभाया है। उनके साथ कियारा आडवाणी हैं। यह फिल्म भी ओटीटी पर रिलीज हुई। मूल कहानी के मुताबिक विक्रम ने साल 1996 में भारतीय सैन्य अकादमी में दाखिला लिया। प्रशिक्षण के बाद, 23 साल की उम्र में विक्रम बत्रा को जम्मू कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली। कारगिल वार में विजय पताका फहराने वाले कैप्टन विक्रम शहीद हो गए थे।
बॉलीवुड की इन फिल्मों के अलावा कई हॉलीवुड फिल्में भी हिट रहीं जो विश्वयुद्ध एवं वियतनाम युद्धों पर आधारित हैं। इन फिल्मों में प्रमुख हैं, ‘ऑल-मेटल जैकेट’, ‘सेविंग डॉन’, ‘टॉप गन’, ‘पर्ल हार्बर’, ‘द हर्ट लॉकर’, ‘ब्लैक हॉक डाउन’, ‘बिहाइंड द एनिमी लाइन्स’, ‘वी आर सोल्जर’, ‘डनकर्क’, ‘जीरो डार्क थर्टी’, ‘13 आवर्स: द सीक्रेट सोल्जर्स ऑफ बेन्गाजी’, ‘लोन सर्वाइवर’, ‘हैकसॉ रिज’ आदि।