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कान फिल्म महोत्सव में दिखाई गई श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंथन’

कान, 18 मई (एजेंसी) फ्रांस में चल रहे 77वें कान फिल्म महोत्सव में नये भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुर्खियों में रहा। गुजरात के एक गांव में भारत की पहली डेरी सहकारी संस्था के निर्माण से जुड़ी...
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कान फिल्म महोत्सव में ‘मंथन’ फिल्म को दिखाए जाने के अवसर पर फिल्म के मुख्य कलाकार नसीरुद्दीन शाह एवं रत्ना पाठक। -रॉयटर्स
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कान, 18 मई (एजेंसी)

फ्रांस में चल रहे 77वें कान फिल्म महोत्सव में नये भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुर्खियों में रहा। गुजरात के एक गांव में भारत की पहली डेरी सहकारी संस्था के निर्माण से जुड़ी श्याम बेनेगल की 1976 की फिल्म ‘मंथन’ का 4के वीडियो रेज्योलूशन संस्करण सैले बुनुएल में प्रदर्शित किया गया।

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फिल्म के कलाकारों में शामिल नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, ‘मंथन’ का यह शो डॉ. वर्गीज कुरियन को समर्पित है। यह स्मिता पाटिल, गिरीश कर्नाड, अमरीश पुरी और संगीतकार वनराज भाटिया को याद करने का भी अवसर है।’

नसीरुद्दीन ने कहा कि ऐसे समय में जब हिंदी फिल्म निर्माता केवल दर्शकों की पसंद से फिल्में बनाते थे, लेकिन श्याम बेनेगल ने ‘समय की सच्चाई के बारे में बोलने के तरीके खोजे।’

फिल्म निर्माण के लिए पांच लाख किसानों ने दिए थे दो-दो रुपये

फिल्म ‘मंथन’ का निर्माण दुग्ध उत्पादक पांच लाख कान फिल्म महोत्सव में दिखाई गई श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंथन’किसानों से 2-2 रुपये की सहयोग राशि से किया गया था। यह बेनेगल की पहली दो फिल्मों, ‘अंकुर’ (1974) और ‘निशांत’ (1976) के बाद बनाई गयी थी। मंथन फिल्म 48 साल पहले बनाई गई थी। वर्ष 1976 में बनी यह फिल्म डॉ. वर्गीज कुरियन के दुग्ध सहकारी आंदोलन से प्रेरित है। कुरियन को अमूल को अरबों डॉलर का ब्रांड बनाने का श्रेय दिया जाता है। फिल्म ने 1977 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते। स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए बेनेगल ने उन पलों को याद किया कि कैसे गुजरात के किसानों ने सिनेमाघरों में सामूहिक रूप से फिल्म देखकर इसे हिट बनाया था। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने फिल्म बनाने में मदद की थी उन्होंने इसे सफल बनाने में भी मदद की। गुजरात के सौराष्ट्र में रिलीज हुई फिल्म ने शानदार प्रदर्शन किया। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपनी पत्नी रत्ना पाठक शाह, दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर, डॉ. कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन और अमूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयेन मेहता के साथ कान में रेड कार्पेट पर नजर आए। अमूल के आधिकरिक सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा गया, ‘मंथन टीम के नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक शाह, प्रतीक बब्बर, निर्मला कुरियन, फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) की आधिकारिक टीम और अमूल के एमडी जयेन मेहता कान फिल्म महोत्सव में 36 लाख किसान उत्पादकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।’

नीले सिल्वर गाउन में नजर आयीं ऐश्वर्या राय बच्चन

ऐश्वर्या। -रॉयटर्स

कान फिल्म महोत्सव 2024 में दूसरी बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए ऐश्वर्या राय ने एक बार फिर फाल्गुनी शेन पीकॉक द्वारा तैयार गाउन का चुनाव किया। जब वह प्रसंशित फिल्मकार योरगोस लैंथिमोस की नवीनतम फीचर फिल्म ‘काइंड्स ऑफ काइंडनेस’ की स्क्रीनिंग के लिए शुक्रवार को लाल कालीन पर चलीं तो उन्होंने नीले और सुनहरे रंग की चमकीले गाउन पहन रखी थीं। इस फिल्म में दो बार की ऑस्कर विजेता एम्मा स्टोर अहम किरदार में हैं। इस परिधान में विशेष धात्विक आकृति बनी थी। हाथ में चोट होने के कारण उन्होंने विशिष्ट कपड़े पहने थे। पिछले दो दशक से नियमित रूप से कान फिल्म महोत्सव में ऐश्वर्या आ रही हैं।

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