Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

RIP Dharmendra : धर्मेंद्र को बहुत पसंद था पूरन पोली, राजनीतिक दांव-पेंच का केंद्र बन गया था ये व्यंजन

धर्मेंद्र की आंखें खुशी से चमक उठीं और उन्होंने कहा पूरन पोली मेरी कमजोरी...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

RIP Dharmendra : महाराष्ट्र के घर -घर में लोकप्रिय व्यंजन ‘पूरन पोली' अभिनेता धर्मेंद्र को बहुत पसंद था। इससे जुड़ा एक किस्सा बताता है कि उच्च कोटि के अभिनेता केवल परदे पर ही महान नहीं होते हैं, बल्कि सार्वजनिक जीवन में भी वे अपनी मिसाल खुद होते हैं।

बॉलीवुड के दिग्गज 'ही-मैन' धर्मेंद्र फिल्मी पर्दे पर अपनी दमदार उपस्थिति के साथ-साथ अपनी विनम्रता के लिए भी जाने जाते थे, लेकिन उनकी एक कमजोरी थी- घी में सराबोर पूरन पोली। सोमवार को धर्मेंद्र के निधन के बाद छत्रपति संभाजीनगर से महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य श्रीकांत जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उस दिन को याद किया जब पूरन पोली एक राजनीतिक दांव-पेंच का केंद्र बन गई थी।

Advertisement

बिकानेर से भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन सांसद धर्मेंद्र को बुलढाणा जिले के खामगांव में एक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था। हालांकि, तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पांडुरंग फुंडकर (भाऊसाहेब) चाहते थे कि धर्मेंद्र का कार्यक्रम स्थल पर आगमन निर्धारित समय पर हो, जिसके लिए जोशी को उन्हें छत्रपति संभाजीनगर में दोपहर तक रोके रखने का जिम्मा सौंपा गया। जोशी ने धर्मेंद्र का गर्मजोशी से स्वागत किया।

Advertisement

उनके घर पर पत्नी किरण ने साबुदाना खिचड़ी, पोहा और आलू पराठा सहित शानदार नाश्ता तैयार किया। धर्मेंद्र ने नाश्ता तो किया, लेकिन अब भी 3 घंटे का समय बाकी था। तभी जोशी की पत्नी ने पूरन पोली पेश करने का सुझाव दिया। धर्मेंद्र की आंखें खुशी से चमक उठीं और उन्होंने कहा कि पूरन पोली मेरी कमजोरी है, मैं इसे जरूर खाऊंगा। पूरन पोली खाते हुए और फिर पत्रकारों तथा परिवार के साथ तस्वीरें खिंचवाते हुए समय कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला। जब जोशी ने आखिरकार देरी की सच्चाई बताई तो धर्मेंद्र गुस्सा नहीं हुए। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "जब मैंने राजनीति में कदम रखा तो मैं समझ गया कि मेरा जीवन अब मेरा व्यक्तिगत जीवन नहीं रहा; यह आम लोगों का है और आप लोग भी यह सब जनता के लिए ही कर रहे हैं, है न?

तो मैं आप लोगों से नाराज कैसे हो सकता हूं? धर्मेंद्र की इस विनम्रता ने जोशी को बहुत प्रभावित किया। जोशी ने महसूस किया कि एक सच्चे नायक की भव्यता केवल फिल्मी परदे तक सीमित नहीं होती बल्कि उसका धैर्य, विनम्रता और दूसरों को महत्व देने का संस्कार भी एक सच्चे नायक के गुण हैं। ‘पूरन पोली' महाराष्ट्र की एक पारंपरिक मीठी रोटी है, जिसे चने की दाल और गुड़/चीनी के मिश्रण (जिसे 'पूरन' कहते हैं) से भरकर बनाया जाता है।

Advertisement
×