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संगीत सीखते-सीखते रम गया बॉलीवुड में

सिंगर अरविंदर सिंह से बातचीत
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सरोज वर्मा

टीवी रियलिटी शो सारेगामापा के ज्यूरी मेम्बर प्लेबैक सिंगर अरविंदर सिंह ने बॉलीवुड में एक खास पहचान बनायी। अरविंदर सिंह बताते हैं कि उनका जन्म हिमाचल के शहर मंडी में हुआ। नामधारी परिवार से ताल्लुक रखने के चलते गुरबानी से बहुत लगाव था। यही कारण है क़ि उन्होंने क्लासिकल संगीत को ही चुना और अपनी सुरीली आवाज़ से सबका दिल जीतने लगे।

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संगीत की शुरुआती पाठशाला

संगीत के उनके सफर के बारे में बातचीत के दौरान अरविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने संगीत सीखना तब शुरू किया जब वह सिर्फ 7 साल के थे। क्लासिकल संगीत को घर मे बहुत इज्जत दी जाती थी। शुरुआत में गुरु जगजीत सिंह से सीखा। जब धर्म गुरु को लगा क़ि संगीत की तरफ ज्यादा ध्यान है और अच्छा गा लेता है तो उन्होंने मेरे पिताजी को कहा क़ि इन्हें संगीत क़ी शिक्षा के लिए मुंबई भेज दो। इसके उपरांत मंडी में देवकी नंदन से संगीत की शिक्षा ली। फिर मुंबई मे जाने-माने सारंगी वादक पंडित राम नारायण से संगीत सीखना शुरू किया।

प्लेबैक सिंगिंग में प्रवेश

अरविंदर सिंह के मुताबिक, इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी क्योंकि वे सीखने आये थे और गुरबानी शबद गाने के लिए भी जाते थे तो पैसे मिल जाते थे। अरविंदर कहते हैं-, सच कहूं तो मैं यहां संगीत सीखने आया था पर मायानगरी ने कब मुझे अपना लिया, पता ही नहीं चला और यहीं का होकर रह गया।

जब मिला पहला ब्रेक

एक दिन मुझे बलवंत गार्गी ने सुना और ब्रेक दिया, 1985 में सांझा चूल्हा सीरियल में। जिसके बोल थे ‘शुक्र है रब सांझा चूल्हा बनाया’। उसके बाद कई सीरियल रिश्ता, बॉलीवुड, पोलीवुड, फ़िल्म हिंदुस्तानी, मां तुझे सलाम, तुमको ना भूल पाएंगे, यारां नाल बहारां, ले मैं हो गई तेरियां हूण सोणीया, चार साहिबजादे, पानी मे शराब फ़िल्म और म्यूजिक एलबम में अपनी आवाज़ दे चूका हूं। उनके मुताबिक, सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अरविंदर सिंह अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत, समर्पण और संगीत के जुनून को देते हैं।

मार्केटिंग के दौर में प्रतिभाएं

अरविंदर सिंह ने भारत में वर्तमान संगीत की स्थिति का परिचय देते हुए आजकल की गायकी, संगीत और कई बरसों में यह कैसे विकसित हुआ, के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उद्योग में कई प्रतिभाशाली कलाकार हैं, लेकिन अक्सर मार्केटिंग और प्रचार पर अधिक ध्यान दिया जाता है। उन्होंने संबंधित इंडस्ट्री से आग्रह किया कि व्यावसायिक पहलुओं के बजाय संगीत की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना चाहिये।

अपनी आगामी योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, अरविंदर सिंह ने खुलासा किया कि वह वर्तमान में कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कुछ बड़ा होने का इशारा भी किया, जिसका खुलासा फिलहाल नहीं कर सकते।

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