मुंबई : बॉलीवुड कलाकार रणवीर सिंह का कहना है कि सपनों को पंख देने के लिए संघर्ष करें। मौका मिले तो किसी के लिए भी कुछ असंभव नहीं। अपने फिल्मी सफर का एक मुकाम हासिल करने वाले रणवीर ने कलाकारों का एक सामूहिक मंच ‘इंकइंक’ तैयार करके म्यूजिक इंडस्ट्री में भी मोर्चा संभालना तय किया है- यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो देश के कोने-कोने में बसे प्रतिभाशाली संगीतकारों को वैश्विक फलक पर चमकने में मदद करता है। रणवीर सिंह ने बॉलीवुड में अपने अनुभव और अपने मुकाम के बारे में बातचीत साझा की। जब उनसे पूछा गया कि आपके करिअर की शुरुआत में आपको कई बार नकारा गया और अब आप एक सुपरस्टार बन चुके हैं। आखिर कैसी रही आपकी यात्रा? इस पर रणवीर सिंह ने कहा, ‘संघर्ष के दिनों में कई क्षण ऐसे आए जब मुझे लगा कि कोई उम्मीद ही नहीं बची है। यानी इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखना असंभव नजर आ रहा था। लेकिन मैं डटा रहा। मुझे अपनी काबिलियत पर भरोसा था। जब लंबे समय तक काम से संबंधित कोई अच्छी खबर नहीं मिलती थी, महीनों तक फोन नहीं बजा करता था, तो मेरा भरोसा डगमगाने लगता था। लेकिन मैं इस विचार को ही खारिज कर चुका था कि मैं जिसे हासिल करने की कोशिश कर रहा हूं वह कोई असंभव चीज है। मैंने कठिन से कठिन समय में भी अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं हटाया। मेरा दृढ़ निश्चय व एकाग्रता आखिरकार रंग लाई और मेरा सपना मेरी हकीकत बन गया! तब से हर रोज मुझे यही अहसास होता है कि जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूं।’ अपने सफर पर चर्चा जारी रखते हुए रणवीर कहते हैं, ‘जब युवा एक्टर; खासकर ‘ऑउटसाइडर’ मेरे पास सलाह मांगने आते हैं कि स्ट्रगल करते हुए आगे कैसे बढ़ा जाए, तो सबसे पहली और सबसे अहम बात मैं उनसे यही कहता हूं कि अपना करिअर उचित कारणों के लिए आगे बढ़ाइए। सिर्फ इस वजह से स्ट्रगल कीजिए कि परफॉर्म करना ही आपकी जिंदगी है। मैं उनसे कहता हूं कि वे अपने हुनर व कला के प्रति ईमानदारी बरतें। मौलिक रहें, अपना अनोखापन बरकरार रखें। और दूसरी अहम चीज मैंने यह सीखी है कि जोखिम उठाते रहिए। जितना बड़ा जोखिम उतना बड़ा फल! इस प्रक्रिया में आपसे गलतियां और गड़बड़ियां हो सकती हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जिंदगी में असफलता जैसी कोई चीज नहीं होती, सिर्फ सबक होते हैं।’ आज एक सफल अभिनेता के तौर पर स्थापित हो चुके रणवीर सिंह कहते हैं, ‘आपके पास अपनी चमक बिखेरने वाले महान क्षण तक पहुंचने का जुनून, साहस और धीरज अवश्य हो सकता है। इस पल को हासिल करने की आप अंतहीन प्रतीक्षा भी कर सकते हैं। लेकिन इस पहेली और प्रक्रिया में अक्सर जो चीज नदारद रहती है, वह है ‘मौका’। मेरा सारा प्रयास इतना कठिन इसलिए बन गया कि मौके ही नहीं मिलते थे। मैं सपने देखने वाले साथियों के लिए यही मौके फराहम करना चाहता हूं। जुनून में उबल रहे युवा कलाकारों को अवसर उपलब्ध कराना चाहता हूं। मुझे उनको अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाला मंच देना है। कर्ज उतारने का यह मेरा अपना ढंग है। यह मुझे मिलने वाली दुआओं को आगे बढ़ाने का मेरा अपना रास्ता है। यह कायनात का शुक्रिया अदा करने का मेरा निजी तरीका है।’ अपनी बात जारी रखते हुए वह कहते हैं, ‘गली ब्वॉय’ फिल्म का एक डायलॉग है, जिसका मोटे तौर पर यह मतलब है: ‘अपनी हकीकत से बावस्ता करने के लिए मैं अपने सपने नहीं बदल सकता, बल्कि अपने सपनों से बावस्ता करने के लिए मैं अपनी हकीकत को ही बदल डालूंगा।’ रणवीर ने एडिडास के ‘इम्पॉसिबल इज नथिंग’ को लॉन्च किया है। इस अभियान में एक लड़के की यात्रा को हाईलाइट किया गया है, जिसकी आंखों में सपने हैं, और वह असंभव को संभव बनाते हुए चलता है। अपनी बातों को साझा करते हुए रणवीर कहते हैं, ‘मैंने इस भावना को अपनी आत्मा की गहराइयों में महसूस किया है। जब इन किरदारों को तमाम विषम परिस्थितियों के खिलाफ खुद को साबित करना पड़ता है, तो उस संघर्ष के साथ मैं बड़े ही जाने-पहचाने ढंग से जुड़ जाता हूं।’ फिल्म 83 में कपिल के चरित्र को जीवंत करने वाले रणवीर कहते हैं, ‘मैं इन भूमिकाओं को इसलिए विश्वसनीय बना पाता हूं कि मैंने खुद ऐसे हालात का सामना किया है। मैं इन किरदारों के मोहभंग और मायूसी को महसूस कर सकता हूं, उनका गुस्सा, असंतोष और आक्रोश समझ सकता हूं, उनकी कुंठा और हताशा का अनुभव कर सकता हूं, उनके साहस और धैर्य की थाह ले सकता हूं… और मैं यह सब बड़ी गंभीरता व गहराई के साथ कर पाता हूं, क्योंकि मैं खुद इन मारक भावनाओं से गुजर चुका हूं। मैंने यह सब खुद असली रूप में झेला है।’