National Film Awards : शाहरुख की जीत पर अनुपम का ट्वीट, लिखा - अब सिनेमा की मुख्यधारा भी हो रही गौरवान्वित
मुख्यधारा के सिनेमा को पहचान मिली: शाहरुख के राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर अनुपम खेर
National Film Awards : सिनेमा जगत के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि वह सुपरस्टार शाहरुख खान को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें बहुत पहले मिल जाना चाहिए था और यह मुख्यधारा के सिनेमा को मान्यता मिलने का प्रतीक है। बुधवार को आयोजित 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शाहरुख को 2023 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'जवान' में उनके अभिनय के लिए सम्मानित किया।
खेर ने कहा कि शाहरुख को यह पुरस्कार मिलना राष्ट्रीय पुरस्कारों में मुख्यधारा सिनेमा को पहचान मिलना भी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि यह उस कहानी से अलग है कि आपको एक विशेष प्रकार की फिल्म करनी चाहिए (राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए)। मैं करण जौहर, रानी मुखर्जी और शाहरुख खान को एक साथ बैठे देखकर बहुत खुश हुआ।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार रानी मुखर्जी को "मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे" में उनकी भूमिका के लिए दिया गया। शाहरुख और विक्रांत मैसी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। विक्रांत मैसी को फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म "12वीं फेल" में उनके अभिनय के लिए पुरस्कृत किया गया।
अनुपम खेर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "मैं उनके लिए बहुत खुश हूं और निजी तौर पर भी खुश हूं कि उन्हें आखिरकार 40 साल बाद यह पुरस्कार मिला। आप 'स्वदेश' के लिए उनकी निराशा की कल्पना कर सकते हैं -जिसके लिए उन्हें सौ प्रतिशत राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना ही चाहिए था।"
अनुपम खेर ने कहा, "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' जैसी कई अन्य फिल्मों में उनके अभिनय को मान्यता नहीं मिली। हर बार उन्हें जरूर निराशा हुई होगी। इसलिए मुझे बहुत खुशी है कि आखिरकार उन्हें यह सम्मान मिल ही गया।" खेर ने शाहरुख के साथ कई फिल्मों में काम किया है, जिनमें 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कुछ कुछ होता है', 'मोहब्बतें', 'वीर-जारा' और 'पहेली' शामिल हैं।
अनुपम खेर ने कहा कि उन्होंने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई देने के लिए मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को भी फोन किया। उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें फोन किया और कहा, 'मोहनलाल, आप दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।' उन्होंने कहा, 'हां'। और यह आश्चर्यजनक है।"