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Migraine In Monsoon : बरसात, धूप या सर्दी... बदलते मौसम में क्यों बढ़ जाता है माइग्रेन?

मौसम में बदलाव से माइग्रेन कैसे होता है और दर्द से राहत पाने के लिए क्या किया जा सकता है?

बोल्डर (अमेरिका), 13 जुलाई (द कन्वरसेशन)

Migraine In Monsoon : अगर आप अमेरिका में माइग्रेन से पीड़ित 3.9 करोड़ अमेरिकियों में से एक हैं, तो मौसम बदलने पर तेज़ सिरदर्द शुरू होने की पूरी संभावना है। आप अकेले नहीं हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि माइग्रेन से पीड़ित 30 से 50 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह के मौसम परिवर्तन को माइग्रेन का कारण मानते हैं, जिससे यह माइग्रेन की सबसे आम वजह बन जाती है।

कोलोराडो में मौसम में लगातार बदलाव होते रहते हैं। कोलोराडो के एक न्यूरोलॉजिस्ट और सिरदर्द विशेषज्ञ के रूप में मरीज अक्सर मुझे बताते हैं कि मौसम उनके माइग्रेन शुरू होने की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। इसके परिणाम कामकाज, पढ़ाई और सामाजिक योजनाओं को बाधित कर सकते हैं और असहायता की भावना पैदा कर सकते हैं।

चिकित्सक अब भी पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि मस्तिष्क पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील क्यों होते हैं। हम यह जानते हैं कि माइग्रेन से पीड़ित लोगों का तंत्रिका तंत्र विशेष रूप से संवेदनशील होता है, और कुछ पर्यावरणीय परिवर्तन, जैसे वायुदाब, तापमान, आर्द्रता और वायु गुणवत्ता में बदलाव मस्तिष्क में उन कारकों को सक्रिय कर सकते हैं जो दर्द का कारण बनते हैं।

मौसम के कारण माइग्रेन होने के प्रमुख कारण:

मौसम के कारण होने वाली परेशानियां हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन माइग्रेन के कुछ सामान्य कारण हैं:

वायुदाब में परिवर्तन या वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन, जो सबसे आम कारणों में से हैं। जब कोई तूफान आता है, तो वायुदाब कम हो जाता है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह परिवर्तन आपके सिर के अंदर के दबाव या आपके मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फैलाव और संकुचन को प्रभावित कर सकता है।

एक सिद्धांत यह है कि वायुदाब में परिवर्तन आपकी खोपड़ी के अंदर और बाहरी वातावरण के बीच दबाव में थोड़ा असंतुलन पैदा कर सकता है। यह सिर में दर्द के प्रति संवेदनशील तंत्रिकाओं को सीधे उत्तेजित कर सकता है, जिससे सूजन हो सकती है और माइग्रेन शुरू हो सकता है। तापमान में अत्यधिक परिवर्तन, जैसे बहुत गर्मी या सर्दी शरीर के आंतरिक संतुलन को बिगाड़ सकती हैं। उच्च आर्द्रता या नमी के स्तर में तेज़ बदलाव का भी ऐसा ही प्रभाव हो सकता है। ओजोन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषक उन नसों में सूजन पैदा कर सकते हैं जो माइग्रेन में भूमिका निभाती हैं। तेज धूप भी परेशानी का सबब बन सकती है। बिजली कड़कने और तेज हवाएं चलने से भी कुछ लोगों को माइग्रेन शुरू हो सकता है।

दर्द कम करने के लिए आप ये कदम उठा सकते हैं

आप मौसम तो नहीं बदल सकते, लेकिन आप सक्रिय ज़रूर हो सकते हैं।

1) अपने सिर दर्द पर नज़र रखें और पूर्वानुमान देखें: माइग्रेन डायरी या ऐप का इस्तेमाल करके यह पता करें कि कब माइग्रेन का दौरा पड़ता है और मौसम की स्थिति कैसी है। माइग्रेन के दौरे पड़ने की प्रवृत्ति जैसे बारिश से एक दिन पहले या तापमान में बदलाव के दौरान, सामने आ सकती है, जिससे आप अपनी दिनचर्या या दवा योजना में बदलाव कर सकेंगे।

2) स्वस्थ भोजन, नींद और व्यायाम की आदतें विकसित करें। नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार भी मदद कर सकते हैं।

3) माइग्रेन के अनुकूल दिनचर्या अपनाए: जिन दिनों धूप तेज हो या नमी ज़्यादा हो, घर के अंदर ही रहें। धूप का चश्मा, आंखों का मास्क या नीली रोशनी वाले चश्मे भी मददगार हो सकते हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि कुछ खास इयरप्लग कान में महसूस होने वाले दबाव में बदलाव को कम करने में सक्षम होते हैं।

4) ध्यान का प्रयास करें, जो लोगों को उनकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं, जैसे मांसपेशियों की प्रतिक्रियाओं और श्वास को नियंत्रित करना सिखाता है।

5) पूर्व उपचार पर विचार करें: यदि आप जानते हैं कि तूफान के कारण आपके माइग्रेन की समस्या उत्पन्न हो सकती है, तो आप बचाव वाली दवाएं अपने पास रख सकते हैं या मौसम की स्थिति के दौरान पहले से ही अपना उपचार कर सकते हैं।

6) निवारक उपचार पर विचार करें: यदि मौसम के कारण बार-बार माइग्रेन होता है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से निवारक उपचारों के बारे में बात करें, जिनका उपयोग माइग्रेन को कम करने के लिए नियमित आधार पर किया जा सकता है।

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