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Malnutrition in children : 5 साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर कुपोषण का खतरा, भारत में 37% मासूम शिकार

सरकारी आंकड़ों के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु के करीब 37 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार
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Malnutrition in children : केंद्र सरकार के पोषण ट्रैकर के तहत पंजीकृत, पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग 37.07 प्रतिशत बच्चे ठिगने पाए गए हैं, जबकि 15.93 प्रतिशत का वजन कम और 5.46 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक दुबले पतले पाए गए हैं।

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘वेस्टेड' वह स्थिति होती है जब कोई व्यक्ति, विशेष रूप से बच्चा, उसकी लंबाई की तुलना में अत्यधिक दुबला होता है। मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ठिगने बच्चों की दर सबसे अधिक 48.83 प्रतिशत दर्ज की गई है।

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इसके बाद झारखंड (43.26 प्रतिशत), बिहार (42.68 प्रतिशत) और मध्यप्रदेश (42.09 प्रतिशत) का स्थान है। ठाकुर ने बताया कि जून 2025 तक छह वर्ष तक की उम्र के करीब 8.61 करोड़ बच्चे पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत हैं, जो पिछले वर्ष के 8.91 करोड़ के मुकाबले थोड़ी गिरावट को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लगभग दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को 'सक्षम आंगनवाड़ी' के तौर पर उन्नयन करने की योजना पर काम चल रहा है, जहां आधुनिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल लर्निंग टूल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि अब तक 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 88,716 मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नयन के लिए मंजूरी दी गई है।

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