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Karwa Chauth 2025 : पहली बार रख रही हैं करवाचौथ तो ये बातें जानना बहुत जरूरी

Karwa Chauth 2025 : विवाहित महिलाएं हर साल अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करवाचौथ व्रत करती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा के...
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Karwa Chauth 2025 : विवाहित महिलाएं हर साल अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करवाचौथ व्रत करती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा के दर्शन तक निर्जल व्रत रखती हैं। इस दौरान महिलाएं सुबह उठकर सास के हाथ से सरगी लेती हैं और फिर पूरा दिन उपवास करती हैं। महिलाएं व्रत में कपड़ोंं से लेकर श्रृगांर तक... हर चीज का खास ध्यान रखती हैं। अगर आप पहली बार व्रत रख रही हैं तो आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि करवाचौथ के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...

पहले से शुरू करें व्रत की तैयारी

करवाचौथ व्रत केवल एक दिन का उपवास नहीं है बल्कि महिलाएं कुछ पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देती है, जोकि सही भी है। पूजा की थाली, करवां, छलनी, दीपक, श्रृंगार का सामान, साड़ी या पूजा के वस्त्र आदि पहले से खरीद लें ताकि व्रत वाले दिन भागदौड़ न करनी पड़े।

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सात्विक भोजन से करें शुरुआत

व्रत से एक दिन पहले हल्का, सात्विक और सुपाच्य भोजन करना बेहतर होता है। अधिक तैलीय, मसालेदार भोजन से परहेज करें ताकि अगले दिन उपवास में कठिनाई न हो। शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।

सरगी का महत्व और सही समय

सरगी करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले सास द्वारा बहू को दी जाती है। इसमें सूखे मेवे, फल, मिठाइयां और हल्का भोजन शामिल होता है। यह भोजन दिनभर व्रत में ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होता है। सरगी खाते समय शांत मन से भगवान का स्मरण करें और व्रत के संकल्प के साथ शुरुआत करें।

मानसिक तनाव से रहें दूर

करवाचौथ सिर्फ शारीरिक उपवास नहीं बल्कि यह मन, भावना और श्रद्धा का उपवास है। इस दौरान मन को शांत रखें, दिनभर ईश्वर का स्मरण करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। साथ ही पति-पत्नी इस दिन झगड़ा ना करें।

चंद्रदर्शन और अर्घ्य

चंद्रमा को देखने से पहले चलनी या छलनी से अपने पति को देखना पारंपरिक मान्यता है। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य (जल अर्पित करना) देकर व्रत खोला जाता है। पति के हाथों से पानी या भोजन लेकर व्रत खोलने की परंपरा होती है।

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