Kailasa @20 : कैलाश खेर ने नई पीढ़ी को भी बनाया 'कैलासा' का फैन, कहा- प्यार और भावनाएं कभी पुरानी नहीं होतीं
Kailash Kher : गायक कैलाश खेर का कहना है कि प्यार और भावनाएं कभी पुरानी नहीं होतीं और उनका मानना है कि उनके बैंड ‘कैलासा' का संगीत हमेशा प्रासंगिक बना रहेगा। कैलाश खेर को कैलासा शुरू किए 20 साल हो चुके हैं और इस तरह नयी पीढ़ी ने “तेरी दीवानी”, “तौबा तौबा” और “सैयां” जैसे लोकप्रिय गीतों को सुना है।
कैलाश खेर ने कहा कि आज भले ही संगीत जगत पर रैप, इलेक्ट्रॉनिक धुनों और अन्य नए शैलियों का दबदबा हो, लेकिन कैलासा का भावपूर्ण और आध्यात्मिक संगीत हमेशा अपना श्रोता वर्ग का स्नेह प्राप्त करता रहेगा। उन्होंने कहा कि कैलासा के संगीत को शुरू हुए अब 20 वर्ष हो गए हैं। उस समय सात–आठ साल की रही एक पूरी पीढ़ी अब बड़ी हो चुकी है। हमारा संगीत इसलिए प्रासंगिक बना हुआ है क्योंकि न प्यार कभी पुराना हो सकता है और न ही भावनाएं खत्म होती हैं।
कैलाश खेर ने कहा कि जब लोग कैलासा को सुनते हैं तो उन्हें लगता है- ‘इसे मेरे पिता सुनते थे… मैं इसे सुनते हुए बड़ा हुआ हूं।' प्यार का यही सिलसिला इस संगीत को जीवंत बनाये रखता है। गायक कैलाश खेर ने कहा कि वह कभी प्रेम के विचार को लेकर संदेह में थे, लेकिन लोगों का कैलासा के संगीत से गहरा जुड़ाव देखकर उनकी सोच बदल गई। शुक्रवार को कैलाश खेर ने अपने बैंड के साथ राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित वार्षिक लोक संगीत उत्सव ‘मेहर रंगत 2025' में प्रस्तुति दी।
कैलाशा एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क एम्फीथिएटर में किया गया, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल हुईं। कैलाश खेर और उनके बैंड ने “अल्लाह के बंदे”, “ओ रंगीले”, “आदि योगी दमुरु दम दमाओ”, “जय जैकारा”, “छलिया हो छलिया”, “मेरी सखी”, “बम बम लहरी” और “चक दे चक दे फट्टे” जैसे लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए। यह उत्सव खेर के पिता पंडित मेहर सिंह खेर की पुण्यतिथि पर हर साल आयोजित किया जाता है।
