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International Yoga Day 2025 : योग से दूर भगाएं रोग; बीमारियों को आस-पास भी नहीं फटकने देंगे ये 5 आसान योगासन

International Yoga Day 2025 : योग से दूर भगाएं रोग; बीमारियों को आस-पास भी नहीं फटकने देंगे ये 5 आसान योगासन
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चंडीगढ़, 21 जून (ट्रिन्यू)

International Yoga Day 2025 : आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। खान-पान की गलत आदतें, तनाव, और शारीरिक निष्क्रियता ने हमें कई बीमारियों का शिकार बना दिया है। ऐसे में योगासन एक सरल, सुलभ और प्रभावी उपाय है जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि मानसिक सुकून भी प्रदान करता है। योग भारतीय परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है और आधुनिक विज्ञान भी इसके लाभों को मान्यता दे चुका है।

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आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जिनका रोजाना अभ्यास करने से आप अनेक बीमारियों से बचे रह सकते हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं।

ताड़ासन

ताड़ासन करने से रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है और शरीर की संतुलन क्षमता भी बढ़ती है। साथ ही इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और तनाव कम होता है।

कैसे करें:

-सीधे खड़े हो जाएं, दोनों पैरों को आपस में मिलाएं।

-हाथों को शरीर के पास रखें और गहरी सांस लें।

-अब हाथों को ऊपर उठाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं।

-पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें जैसे कोई आपको ऊपर से खींच रहा हो।

-10–15 सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौटें।

भुजंगासन

भुजंगासन से रीढ़ की लचीलापन बढ़ती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। इससे अस्थमा और सांस की बीमारियों में राहत मिलती है। साथ ही इससे मन को शांति और ऊर्जा भी मिलती है।

कैसे करें:

-पेट के बल लेट जाएं, हथेलियां कंधों के नीचे रखें।

-कोहनी को शरीर के पास रखें और माथा ज़मीन पर रखें।

-अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाएं।

-पेट जमीन पर ही टिका रहे।

-कुछ देर इस अवस्था में रहें, फिर सांस छोड़ते हुए वापस आएं।

वज्रासन

यह भोजन के बाद करने वाला एकमात्र योगासन है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। साथ ही यह योग गैस, अपच और एसिडिटी में राहत देता है। यह योग मानसिक तनाव को कम करता है और ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक होता है।

कैसे करें:

-घुटनों को मोड़कर एड़ियों के ऊपर बैठ जाएं।

-पीठ और गर्दन को सीधा रखें।

-हाथों को जांघों पर रखें और आंखें बंद कर गहरी सांस लें।

कपालभाति प्राणायाम

यह योग शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है और फेफड़े व श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है। इसके अलावा यह योग डायबिटीज, मोटापा और थायरॉइड जैसी बीमारियों में भी लाभकारी है। इसके अलावा रोजाना इस योग का अभ्यास करने से मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

कैसे करें:

-पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।

-पीठ और गर्दन सीधी रखें।

-अब नाक से जोर से सांस बाहर निकालें और पेट को अंदर खींचें।

-सांस अंदर अपने आप जाती है, ज़ोर केवल बाहर निकालने पर दें।

-इसे 1 से 2 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

शवासन

शवासन गहरी मानसिक और शारीरिक विश्रांति प्रदान करता है। यह योग तनाव, चिंता और अनिद्रा में बेहद प्रभावी है। यह हृदय की धड़कन और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। अन्य योगासनों के बाद इसे करने से लाभ कई गुना बढ़ जाता है।

कैसे करें:

-पीठ के बल सीधे लेट जाएं।

-हाथ और पैर थोड़े फैले हों, हथेलियां ऊपर की ओर रहें।

-आंखें बंद करें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें।

-अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और किसी भी विचार को आने न दें।

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