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काम से पहचान बनाने का इरादा

अभिनेता राजवीर देओल

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निर्मला मिश्रा

साल 2023 देओल परिवार के लिए बहुत ही खास रहा है। इस साल धर्मेंद्र की जहां करण जौहर की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के जरिये वापसी हुई है,वही सनी देओल की फिल्म 'गदर 2' ने बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया। सनी देओल के दूसरे बेटे राजवीर देओल भी राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'दोनों' के जरिये हिंदी सिनेमा में कदम रख चुके हैं। बॉबी देओल की भी फिल्म 'एनिमल' भी दिसंबर में रिलीज हो रही है। हाल ही में राजवीर देओल से हुई बातचीत....

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यह साल आपके परिवार के लिए बहुत ही खास रहा। धरम जी की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' सनी जी की 'गदर 2' और आपकी फिल्म ‘दोनों’ के बाद अब आपके चाचा की फिल्म 'एनीमल' रिलीज होने वाली है, क्या कहना चाहेंगे?

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इसे आप महज इत्तेफाक कह सकते हैं। लेकिन यह सच है कि हमारे परिवार का अच्छा समय चल रहा है। दादा जी की फिल्म को भी दर्शकों का प्यार मिला और डैडी की 'गदर 2' ने तो इतिहास रच दिया। वर्षों से हमारे परिवार के प्रति लोगों का जो प्यार है, उसी का यह नतीजा है। वह प्यार मुझे भी मिला और दर्शकों ने मेरी भी फिल्म को पसंद किया। चाचू की फिल्म भी दिसंबर में रिलीज होने वाली है। मुझे बहुत खुशी होगी जब तीनों पीढ़ी के लोग एक साथ किसी फिल्म में नजर आएं।

आपके दादा धर्मेंद्र राजश्री की फिल्म 'जीवन मृत्यु' में काम कर चुके हैं। जब आपने दादा जी को बताया कि आपकी शुरुआत राजश्री की फिल्म से हो रही है तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?

दादा जी बहुत खुश थे। हर किसी का सपना होता है कि राजश्री की फिल्म में काम करने का मौका मिले। दादा जी ने मुझे सलाह दी कि कभी यह मत सोचना कि तुम एक स्टार के बेटे हो। तुम्हें अपने पिता और चाचा से हट कर, खुद अपनी एक अलग पहचान अपने बलबूते पर एक आम इंसान की तरह बनानी है। फिल्मी माहौल के प्रभाव में कभी मत आना, चुपचाप अपना काम करते रहो। दादा-डैडी समेत पूरे परिवार ने एक ही बात सिखाई है कि स्टार बनने की कोशिश मत करना। सिर्फ एक्टिंग पर ध्यान रखना। मैं भी चाहता हूं कि मुझे स्टार किड्स के बजाय मेरे काम से जाना जाये।

फिल्मों में आपकी लांचिंग को लेकर आपके डैडी क्या सोच रहे थे?

मुझे बचपन में वीडियो गेम खेलने का बहुत शौक था। डैडी सोच रहे थे कि बड़े होने के बाद मेरी लांचिंग ऐसी फिल्म से हो, जिसकी कहानी की पृष्ठभूमि वीडियो गेम पर आधारित हो। तब डैड की आर्मी वाली फिल्में देखकर, मेरा मन था कि आर्मी ज्वाइन करूंगा। लेकिन जब कॉलेज में पहुंचा और थियेटर करने लगा तो मेरी दिलचस्पी एक्टिंग में बढ़ गई। मुझे अहसास हुआ कि एक्टिंग में कैरियर बनाना चाहिए।

एक्टिंग को लेकर किस तरह की तैयारी हुई?

कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद इंग्लैंड चला गया और वहा मैक स्टूडियो से छह महीने की एक्टिंग वर्कशॉप करके वापस मुंबई आया। डैडी मेरे बड़े भाई करण देओल को लेकर फिल्म 'पल पल दिल के पास' की तैयारी कर रहे थे। भाई की फिल्म थी और डैड फिल्म निर्देशित कर रहे थे तो डैड के साथ सहायक निर्देशक के तौर पर जुड़ गया। शूटिंग खत्म हुई तो मैंने एफटीआई से पासआउट कुछ कलाकारों के साथ एक्टिंग वर्कशॉप मुंबई में की।

फिर राजश्री की फिल्म 'दोनों' से कैसे जुड़ना हुआ?

मुझे पता चला था कि सूरज बड़जात्या जी के बेटे अवनीश बड़जात्या ने एक कहानी लिखी है और नए लोगों के साथ फिल्म बनाना चाह रहे हैं। मैंने अपने कास्टिंग डायरेक्टर के माध्यम से अवनीश बड़जात्या से संपर्क किया। उन्होंने मुझे कहानी सुनाई तो कहानी मुझे बहुत पसंद आई। मुझे लगा कि यह सब्जेक्ट हिन्दी सिनेमा में मेरे डेब्यू के लिए एकदम सही है। मेरा तीन बार ऑडिशन हुआ और फिर एक हफ्ते के बाद राजश्री प्रोडक्शन के ऑफिस से फोन आया कि यह फिल्म मैं कर रहा हूं, तब मैंने डैड और दादा जी को यह बात बताई। इसके बाद डैड की कुछ बात सूरज बड़जात्या से हुई होगी। डैड भी इस सब्जेक्ट को लेकर निश्चिंत हो गए।

एक्टिंग की बारीकियां सीखने के लिए आप फिल्म 'पल पल दिल के पास' में असिस्टेंट के तौर पर जुड़े होंगे?

मैं इस बात में यकीन नहीं करता कि सहायक निर्देशक के तौर पर जुड़कर एक एक्टर के तौर पर कुछ सीखने को मिलता है। हां, फिल्म मेकिंग की बाकी चीजों के बारे में आपको जानकारी मिल जाती है। फेमिली सपोर्ट के लिए उक्त फिल्म में असिस्टेंट के तौर पर जुड़ा था।

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