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कोई देखे तो क्यों देखे

सीमा लांघते रियलिटी शो
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हेमंत पाल

कुछ दशक पहले तक टीवी पर मनोरंजन के नाम पर खास कुछ नहीं था। जो था, दर्शक उसी में मन बहलाव की सामग्री ढूंढ लेते थे। पारिवारिक या पौराणिक सीरियल, समाचार, फ़िल्मी गीतों का साप्ताहिक कार्यक्रम और हर रविवार एक फिल्म ही मनोरंजन हुआ करता था। फिर भी लोग मनोरंजन की खुराक से संतुष्ट थे। आज चौबीस घंटे टीवी मनोरंजन परोसता है, पर दर्शक तृप्त नहीं होते। एक दौर रियलिटी शो का आया, जिसने मनोरंजन की अलग खुराक परोसी। अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा करोड़पति' ने साल 2000 में दर्शकों को मनोरंजन के साथ ज्ञान से परिचित कराया। इसी समय 'बिग बॉस' नाम का रियलिटी शो भी टीवी पर आया। मूलतः नीदरलैंड के इस शो का नाम 'बिग ब्रदर' है। इस रियलिटी शो में सेलिब्रिटी को कंटेस्टेंट बनाया जाता है। इंडिया में सेलिब्रिटी का मतलब फिल्म और टीवी के कलाकार होते हैं, इसलिए वे ही इस शो के प्रतियोगी बनते रहे। पिछले 17 सीजन में इस शो को 6 एंकर्स ने संचालित किया। इनमें सलमान खान का लम्बे समय से कब्ज़ा है।

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इस बार की 'टीआरपी' डाउन

अभी तक माना जाता था कि जब 'बिग बॉस' सीजन शुरू होता है, वह हमेशा टीवी पर लोकप्रियता में नंबर वन पर रहता है। लेकिन, लगता है इस बार दर्शकों को शो पसंद नहीं आ रहा। ये सिर्फ अनुमान नहीं, सच्चाई है, जिसका सबूत टीवी कार्यक्रमों को लोकप्रियता के आधार पर नंबर देने वाली 'टीआरपी' ने भी दिया। 'टीआरपी' में अव्वल रहने के लिए सभी टीवी शो में मुकाबला चलता रहता है। क्योंकि, ये सिर्फ लोकप्रियता का प्रमाण नहीं, बल्कि प्रायोजक भी चाहते हैं कि उनका शो सबसे आगे रहे। इस कोशिश में सलमान खान का शो 'बिग बॉस' इस बार असफल साबित हुआ। शो को अभी दो महीने भी नहीं हुए, पर इसकी 'टीआरपी' बेहद कम है। जानकारी के मुताबिक, यह 18वां सीजन 18वें नंबर पर है। दर्शकों के नजरिए से भी इस बार शो का हाल बुरा है।

दर्शकों के दिमाग से उतरता गया

शुरुआती लोकप्रियता के बाद 'बिग बॉस' जैसा शो दर्शकों के दिमाग से उतरता गया। इसका कारण है शो की छद्म सच्चाई। भले ही शो को रियलिटी का नाम दिया गया हो, पर कई घटनाएं हैं, जिनसे इसके रियल होने पर संदेह होता है। प्रतियोगियों की नजर आती कुंठा, रोज के झगड़े और विवाद, एक-दूसरे को मात देने की कोशिश और गुटबाजी ये सब अपने आप होता नहीं लगता। इसके पीछे कहीं न कहीं स्क्रिप्ट होने का संदेह होता है। वो लिखित में भले न हो, पर दर्शकों को मनोरंजन परोसने के लिए उसे तैयार तो किया ही जाता होगा। क्या सेलिब्रिटी छोटी-छोटी बातों पर ऐसे झगड़ते हैं? क्या 'बिग बॉस' में दिखाई जानी वाली प्रेम कहानियां सच्ची होती हैं? प्रतियोगी बनकर आए सेलिब्रिटी 'बिग बॉस' की आवाज़ सुनकर डर क्यों जाते हैं? दरअसल, इस शो का कॉन्सेप्ट शो में शामिल सेलिब्रिटी की रियल-लाइफ को दर्शकों के सामने लाना है। क्योंकि, तीन महीने तक कोई भी अपने मूल चरित्र को छुपाकर नहीं रख सकता और न एक्टिंग कर सकता है। इस आधार पर कहा जाता है कि 'बिग बॉस' में दर्शक वही देखते हैं, जो वास्तव में कैमरों के सामने घटता है। अभी तक यही समझा भी जा रहा था। लेकिन, क्या वास्तव में यही सच है? अनजान चेहरों को सेलिब्रिटी भी तो नहीं माना जा सकता।

'बिग बॉस' का मसखरापन और अनजान चेहरे

इस शो का जादू दर्शकों के दिमाग से इसलिए भी उतरता गया कि घर के 15 लोगों को आदेश देने वाली आवाज 'बिग बॉस' ने खुद ही अपना दबदबा ख़त्म कर लिया। पिछले 3-4 सीजन से तो 'बिग बॉस' के निर्देशों का कोई मतलब ही नहीं रह गया। जबकि, पहले प्रतियोगी यह आवाज सुन सहम जाते थे। दिन में कोई सोता पाया जाता तो उसे सजा मिलती थी, अंग्रेजी बोलने पर पाबंदी थी, कोई झगड़ता तो 'बिग बॉस' की एक आवाज पर बोलती बंद हो जाती थी। पर, अब ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा। 'बिग बॉस' के 18वें सीजन तक आते-आते 'बिग बॉस' का दबदबा नहीं बचा और उसका मसखरापन सामने आने लगा। महिला प्रतियोगियों से हलके स्तर की बातें, बेवजह का मजाक और विवाद होने पर भी कुछ नहीं बोलना दर्शकों के गले नहीं उतर रहा।

घर में मौजूद प्रतियोगियों ने 'बिग बॉस' को गंभीरता से लेना, लगता है बंद ही कर दिया। 18वें सीजन की टीआरपी का लगातार गिरना सबूत है। घर में लाए गए प्रतियोगी अनजान चेहरे हैं, सीरियल के दोयम दर्जा कलाकार हैं या आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं, जो झगड़ों में बाहर देख लेने की धमकी तक दे डालते हैं। जब किसी शो का स्तर इतना दोयम हो तो कोई उसे क्यों देखे। 'बिग बॉस' पिछले कुछ सालों में बेहद कमजोर नजर आने लगा। इस बार का शो (बिग बॉस-18) ज्यादा अपरिपक्व और बिखरा नजर आ रहा व लोकप्रियता भी तेजी से घटी। इसका कारण शो के कंटेस्टेंट्स को माना जा रहा है, जो ज्यादातर अनजाने चेहरे हैं। दर्शकों के लिए इस शो का आकर्षण होता है, अपने पसंदीदा चेहरों को नजदीक से जानना और उनकी दिनचर्या और आदतों से वाकिफ होना। लेकिन, जिन चेहरों को कंटेस्टेंट बनाकर घर में लाया गया, वे दर्शकों के बीच पहचाने हुए नहीं हैं।

सभी चित्र : लेखक

शो के विवादास्पद फॉर्मेट पर आपत्ति

'बिग बॉस' कई बार अपने विवादास्पद फॉर्मेट के कारण आलोचना का शिकार बना। एक सीजन में आलोचना का कारण था, पुरुष और महिला प्रतियोगियों को एक बिस्तर पर साथ सोने की अनिवार्यता। लेकिन, दर्शकों की नाराजगी के बाद इसे दो दिन बाद ही बदलना पड़ा। इस बहाने 'बिग बॉस' लोगों के निशाने पर आ गया। सोशल मीडिया पर दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय से 'बिग बॉस' को बंद करने तक की मांग कर दी थी। मेकर्स पर आरोप लगाया कि वे भारतीय संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। जिसे गंभीरता से लिया और जांच के आदेश भी दिए गए थे। विवाद बढ़ने के बाद इस नियम को बदला गया।

शो में शादी का भी प्रसंग आया

पिछले 18 सीजन के दौरान कई प्रतियोगियों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। शो की रोचकता के लिए 'बिग बॉस' उन प्रेमियों की शादी करवा देते हैं। ऐसे दो प्रसंग अभी तक हुए हैं। लेकिन, ये दिखावा ही था। शो में सारा खान और अली मर्चेंट की शादी हुई थी। 'बिग बॉस' सीजन-4 में आने से पहले दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। जब शो में अली मर्चेंट ने सारा खान को प्रपोज किया, तो दोनों ने शादी करने का फैसला किया और शो में ही दोनों की शादी करवाई गई। शादी में उनके माता-पिता को भी बुलाया गया। इसके बाद बिग बॉस की टीआरपी काफी बढ़ी, पर शादी आगे नहीं चली। दो महीने बाद यह जोड़ी अलग हो गई। दरअसल, ये सब शो की टीआरपी के लिए किया गया था। इसके बाद सीजन-10 में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस मोनालिसा ने शो की कंटेस्टेंट रहते हुए भोजपुरी के मशहूर स्टार विक्रांत सिंह राजपूत से शादी की। शादी में मोनालिसा की मां और विक्रांत की बहन भी शामिल हुईं।

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