Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

कुछ कदम आगे बढ़ पाया हूं...

इंटरव्यू कार्तिक आर्यन

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

असीम चक्रवर्ती

कुछ बड़े इंडोर्समेंट के चलते उन्होंने स्टारडम में अपनी जमीन को और पुख्ता कर लिया है। वे नए दौर के हीरो कार्तिक आर्यन हैं। उनकी पिछली दो फिल्में ज्यादा नहीं चलीं। जाहिर है अब वह फिर बहुत सजग हैं। इन दिनों वह ‘चंदू चैंपियन’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। इसके साथ ही अपने प्रिय निर्देशक अनीस बज्मी के निर्देशन में वह जल्द ‘भूल भुलैया-3’ की शूटिंग शुरू करेंगे। असल में कार्तिक अब जरा भी पीछे मुड़ कर देखने के लिए तैयार नहीं हैं। उनसे हुई ताजा बातचीत-

Advertisement

मध्यवर्गीय लोगों का हीरो

Advertisement

मैं बिल्कुल ऐसा नहीं मानता। यह ठीक है कि मैं ग्वालियर के एक मध्यवर्गीय परिवार का लड़का हूं। बचपन से ही फिल्मों में काम करने का शौक था। मुंबई के डीवाई पाटिल इंजिनियरिंग कालेज में एडमिशन लेकर मैं मुंबई चला आया। कालेज में उपस्थिति का कोई दबाव नहीं होता था। इसलिए दिन भर लोकल ट्रेन पकड़ कर इधर-उधर ऑडिशन देने के लिए भागता फिरता था। बैग में दो कमीज लेकर घूमता था। छह माह इस तरह से बिताने के बाद ‘प्यार का पंचनामा’ का ऑफर मिला। यह फिल्म थोड़ा ठीक-ठाक चली तो बात आगे बढ़ती रही, अब मैं यहां हूं।

चॉकलेट बॉय इमेज

मैं मानता हूं कि पहले मेरी चॉकलेट बॉय इमेज थी। इसकी सबसे बड़ी वजह कि मैंने बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था, कालेज के थर्ड इयर में। अब चेहरे पर परिपक्वता आई है। ‘सोनू के टीटू...’ में मेरा किरदार थोड़ा-सा प्लेबॉय टाइप था। थोड़ा-सी धूर्तता भी दिखाई गई है। इसके बाद मैंने अपनी इमेज को लगातार बदलने की कोशिश की। अब तो इमेज वाली बात कोई सामने आती ही नहीं है।

मसाला या पैरेलल नहीं,सिर्फ अच्छी फिल्में

मैं कमर्शियल या पैरेलल, इस तरह से अलग से नहीं सोचता हूं। वैसे बहुत सारे अलग तरह के किरदार करने की इच्छा है। नेगेटिव रोल में अपने आपको एक्सप्लोर करना चाहता हूं।

2023 में हालत

मैंने साल 2011 में अपना कैरियर शुरू किया था। आज 2023 में ऐसा लगता है जहां मैं अपनी पहचान चाहता था,वहां से कुछ कदम आगे बढ़ पाया हूं। अट्ठारह साल की उम्र से मुबई में हूं। यहां किसी एक फील्ड में पांव पर खड़े होना वाकई मुश्किल है। ऊपरवाले की मेहरबानी से इधर मकान व अच्छी गाड़ी के साथ मेरे लाइफ स्टाइल में बड़ा फर्क आया है। सबकुछ एक सपने की तरह लग रहा है।

और गर्लफ्रेंड

अभी किसी निजी रिश्ते के बारे में कोई सवाल मत पूछिए। लगता है आप मेरे बारे में काफी होमवर्क करके आए हैं।

Advertisement
×