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Health Advice : स्मार्टफोन बना देगा आपको बीमार, टॉयलेट में स्क्रीन स्क्रॉल करने से बवासीर का खतरा

शौचालय में स्मार्टफोन पर ‘स्क्रॉल' करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है : अध्ययन
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Mobile Side Effect : हममें से कई लोग शौचालय में स्मार्टफोन पर ‘स्क्रॉल' करने के आदी हैं, लेकिन आज प्रकाशित एक नये अध्ययन में पाया गया है कि इस आदत से बवासीर का खतरा 46 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। तो, आखिर दोनों में क्या संबंध है? फोन पर समय बिताने से आपके गुदा में और उसके आस-पास ये दर्दनाक गांठें कैसे उभर सकती हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में।

बवासीर क्या है?

हर स्वस्थ व्यक्ति में ऐसी गांठें होती हैं, जो बवासीर का रूप भी अख्तियार कर सकती हैं। गुदा और मलाशय के अंदर या उसके आसपास सूजी हुई और फूली हुई नसें होती हैं। ये गुदा के आसपास की रक्त वाहिकाओं के बढ़ने से होती है और इसके कारण गुदा से रक्तस्राव, खुजली, दर्द और बेचैनी की शिकायत हो सकती है।

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जब सब कुछ ठीक होता है, तो हम उन पर ध्यान नहीं देते। लेकिन नसों में सूजन आ सकती है और इससे दर्द, रक्तस्राव या गुदा के अंदर एक गांठ जैसा महसूस होना (आंतरिक बवासीर) या बाहर की ओर उभरी हुई गांठ (बाहरी बवासीर) जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसलिए जब किसी को ‘‘बवासीर'' होती है, तो इसका मतलब है कि उनमें सूजन आ गई है या लक्षण उभर गए हैं। यह अत्यंत सामान्य बात है : हर दो में से एक व्यक्ति को जीवन में किसी न किसी समय बवासीर का सामना करना पड़ता है।

आपको बवासीर होने की आशंका ज्यादा होती है यदि :

1) आपकी उम्र ज्यादा है (45 से ज्यादा)

2) आप गर्भवती हैं

3) आपका वजन ज्यादा है

4) आपको लगातार कब्ज या दस्त की समस्या रहती है

5) आप नियमित रूप से भारी वस्तुएं उठाते हैं

6) आप शौचालय में बहुत ज्यादा समय बिताते हैं

शौचालय में बिताए गए समय और बवासीर के बीच संबंध

आम तौर पर लंबे समय तक बैठे रहने को बवासीर की समस्या से नहीं जोड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक बैठने से ‘पेल्विक फ्लोर' के अंदर दबाव बढ़ जाता है और गुदा में रक्त जमा हो जाता है। इससे बवासीर होने की आशंका बढ़ जाती है। ‘पेल्विक फ्लोर' मांसपेशियों का एक जाल है, जो पुरुषों में पेट के निचले हिस्से में मूत्राशय और आंतों, जबकि महिलाओं में गर्भाशय और योनि जैसे अंगों को सहारा देता है।

नये अध्ययन में क्या देखा गया

अमेरिका में हुए नये अध्ययन में 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के 125 वयस्कों को शामिल किया गया, जिन्होंने ‘बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर' में ‘कोलोनोस्कोपी' कराई थी। ‘कोलोनोस्कोपी' एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय की जांच के लिए कैमरे से लैस एक लंबी, पतली, लचीली ट्यूब (कोलोनोस्कोप) का इस्तेमाल किया जाता है। यह डॉक्टर को स्क्रीन पर ‘कोलन' के अंदर झांकने और सूजन, पॉलिप्स (असामान्य ऊतक) या कैंसर जैसी समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है।

शोधकर्ताओं ने शौचालय में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने की उनकी प्रवृत्ति का पता लगाया। उन्होंने यह जाना कि वे कितनी बार और कितनी देर तक अपना फोन देखते हैं। प्रतिभागियों ने अन्य आदतों के बारे में भी बताया, जैसे कि तनावग्रस्त महसूस करना, फाइबर का सेवन तथा उन्होंने कितनी देर कोई शारीरिक गतिविधि की।

अध्ययन से क्या पता चला?

सभी प्रतिभागियों में से दो-तिहाई (66 प्रतिशत) ने शौचालय में रहने के दौरान स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने की बात कही। सबसे आम गतिविधि समाचार पढ़ना (54.3 प्रतिशत) थी, उसके बाद सोशल मीडिया (44.4 प्रतिशत) का इस्तेमाल करना था। जिन लोगों ने अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया, उन्होंने शौचालय में उन लोगों की तुलना में ज्यादा समय बिताया, जिन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया।

शौचालय में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों में से एक तिहाई से अधिक (37.3 प्रतिशत) ने शौचालय में पांच मिनट से ज्यादा समय बिताया, जबकि स्मार्टफोन का इस्तेमाल न करने वालों में से सिर्फ 20 में से एक (सात प्रतिशत) ने ही शौचालय में पांच मिनट से अधिक समय बिताया। स्मार्टफोन का इस्तेमाल न करने वालों की तुलना में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं में बवासीर का खतरा 46 प्रतिशत अधिक था। इसकी गणना करने के लिए, शोधकर्ताओं ने बवासीर के अन्य ज्ञात जोखिम कारकों जैसे आयु, बॉडी मास इंडेक्स (लंबाई और वजन का अनुपात), व्यायाम गतिविधि, तनाव और फाइबर के सेवन को ध्यान में रखा।

शौचालय में बैठने का समय

यह नया अध्ययन शौचालय में बिताए गए समय और बवासीर से पीड़ित होने के बीच संबंध का अध्ययन करने वाला पहला अध्ययन नहीं है। वर्ष 2020 में, तुर्किये में हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि शौचालय में पांच मिनट से अधिक समय बिताना बवासीर का कारण बन सकता है। शौच करने में आमतौर पर ज्यादा समय नहीं लगता। एक अध्ययन में पाया गया कि स्वस्थ वयस्कों को टॉयलेट सीट पर बैठकर शौच करने में औसतन दो मिनट लगते हैं, जबकि उकड़ूं बैठकर शौच करने में केवल 51 सेकंड लगते हैं। इजराइल में 2008 में 500 वयस्कों पर सर्वेक्षण किया गया और पाया गया कि उनमें से आधे से अधिक (52.7 प्रतिशत) शौचालय में किताबें या अखबार पढ़ते हैं। यह भी पाया गया कि शौचालय में किताबें या अखबार पढ़ने वाले लोग वहां बहुत ज्यादा समय बिताते हैं।

बवासीर से कैसे बचें

सामान्य सलाह यह है कि अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। अधिक मात्रा में फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इससे मल त्याग करना आसान हो जाता है और जोर लगाने की आवश्यकता भी कम हो जाती है-जिससे आपको बचने का प्रयास करना चाहिए। हालांकि, नया शोध पिछले प्रमाणों की पुष्टि करता है कि शौचालय में बैठने का समय कम करने से भी मदद मिल सकती है। इसलिए, अपने स्मार्टफोन को शौचालय के बाहर छोड़कर ध्यान भटकाने से बचना एक अच्छा विचार है। यदि आपको कोई चिंताजनक लक्षण महसूस हो, जैसे मल में रक्त, गुदा में नयी गांठ, या मल त्याग करते समय दर्द, तो आपको आगे की जांच और इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

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