Dadi-Nani Ki Baatein : सावन की पहली बारिश में भीग लो सालभर बीमार नहीं पड़ोगे... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)
Dadi-Nani Ki Baatein : भारत एक ऐसा देश है जहां मौसम के हर बदलाव को एक त्योहार, परंपरा या लोक-विश्वास जुड़ा हुआ है। खासतौर पर सावन यानी श्रावण मास को लेकर कई मान्यताएँ आदि प्रचलित हैं। आपने अक्सर दादी-नानी को ये कहते हुए सुना होगा... "सावन की पहली बारिश में भीग लो, साल भर बीमारियां नहीं होंगी।" चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है और विज्ञान की इसपर क्या राय है...
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
एक्सपर्ट के मुताबिक, भारत में मानसून आने से पहले गर्मी और उमस अपने चरम पर होती है। इस मौसम में शरीर थका हुआ, डिहाइड्रेटेड और सुस्त सा हो जाता है। सावन की पहली बारिश न केवल तापमान को कम करती है बल्कि वातावरण को ताजगी से भर देती है। जब कोई व्यक्ति पहली बारिश में भीगता है तो यह शरीर को मौसम परिवर्तन के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करता है।
यह एक प्रकार की प्राकृतिक थेरेपी मानी जाती है, जिससे शरीर धीरे-धीरे नई जलवायु के अनुकूल हो जाता है। वैज्ञानिक करते हैं कि अगर व्यक्ति स्वस्थ और वातावरण स्वच्छ है तो पहली बारिश में भीगने से कोई हानि नहीं ल्कि आनंद और कुछ लाभ हो सकते हैं।
पहली बारिश में होती है ओजोन गैसें
दादी-नानी के जमाने में जीवन अधिकतर प्रकृति के करीब था। उनका मानना था कि बारिश की पहली बूंदें शुद्ध और औषधीय होती हैं क्योंकि वे सीधे आसमान से धरती पर गिरती हैं, बिना किसी मिलावट के। माना जाता है कि वर्षा की पहली फुहारों में ओजोन (O₃) गैस घुली होती है, जो वायुमंडल में ताजगी और उर्जा भरती है। यह ओजोन गैस मन और मस्तिष्क को सकारात्मक प्रभाव देती है और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
बारिश में भीगना बच्चों के लिए खेल, युवाओं के लिए रोमांस और बड़ों के लिए यादें ताजा करने का जरिया होता है। पहली बारिश में भीगना एक तरह की सेंसरी थेरेपी है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जब इंसान खुश होता है तो "खून में गर्मी और मन में ठंडक" आती है, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। बारिश में नहाने से एंडॉर्फिन (खुशी के हार्मोन) निकलते हैं, जो मानसिक तनाव को कम करते हैं और नींद सुधारते हैं।
सावधानियां भी जरूरी हैं...
- पहली बारिश में वायु में हानिकारक बैक्टीरिया और केमिकल भी हो सकते हैं, खासकर प्रदूषित शहरों में।
- अगर शरीर पहले से कमजोर है, तो बारिश में भीगना सर्दी-जुकाम, वायरल या फंगल इन्फेक्शन को बढ़ावा दे सकता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।