मुंबई, 19 अप्रैल (एजेंसी)
मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने संगीत व्यवसायी दिवंगत गुलशन कुमार के बेटे और टी-सीरीज कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) भूषण कुमार के खिलाफ बलात्कार के एक मामले में पुलिस की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि जांच के दौरान ‘विभिन्न कानून पहलुओं के साथ समझौता’ किया गया है। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने अंतिम रिपोर्ट (बी-समरी) का समर्थन करके कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग किया है। अदालत ने पुलिस को कानून के अनुसार मामले की जांच करने और जोनल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को तहकीकात की निगरानी करने का निर्देश दिया।
‘बी समरी’ रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब पुलिस मामले को गलत मानती है या जब कोई सबूत नहीं होता है या जांच के बाद आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरआर खान ने इस महीने की शुरुआत में रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध कराया गया। ‘बी समरी’ नोटिस के बाद महिला ने एक हलफनामा दायर करके कहा था कि उसने भूषण कुमार के खिलाफ ‘परिस्थितिजन्य गलतफहमी’ के कारण आरोप लगाए थे, और उन्हें वापस ले रही है।
अदालत ने कहा, ‘उसका (पीड़िता) आचरण इस बात का आश्वासन देता है कि उसने कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग किया है जो जरूरतमंद वादियों के लिए हैं। अपने व्यक्तिगत लाभ और फायदे के लिए, उसने हर उस सीमा को पार किया है जिसका पालन सभी महिलाएं दशकों से कर रही हैं।’ न्यायाधीश ने मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करने के लिए कुमार और एक गवाह की भी जमकर खिंचाई की। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इन प्रयासों से पता चलता है कि वह (भूषण कुमार) इस मामले से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते थे। शिकायत के अनुसार, कुमार (43) ने अपनी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था।