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छोटे रोल में बड़े किरदार

असीम चक्रवर्ती यदि हम फिल्मों के रूटीन फार्मूला की बात करें, तो अभिनेता-अभिनेत्री के साथ कुछेक चरित्र अभिनेता भी बिल्कुल इनके समानांतर खड़े दिखाई पड़ेंगे। हमारी फिल्मों के महानायक दिलीप कुमार यदि मोतीलाल,जाॅनी वॉकर,कन्हैया लाल जैसे धाकड़ चरित्र अभिनेताओं के...
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असीम चक्रवर्ती

यदि हम फिल्मों के रूटीन फार्मूला की बात करें, तो अभिनेता-अभिनेत्री के साथ कुछेक चरित्र अभिनेता भी बिल्कुल इनके समानांतर खड़े दिखाई पड़ेंगे। हमारी फिल्मों के महानायक दिलीप कुमार यदि मोतीलाल,जाॅनी वॉकर,कन्हैया लाल जैसे धाकड़ चरित्र अभिनेताओं के साथ चलते दिखाई पड़े,तो इसके बाद के नायकों को भी इन कैरेक्टर आर्टिस्ट का भरपूर साथ मिलता रहा है। आज चरित्र अभिनेता अघोषित तौर पर मुख्य किरदार को चुनौती देने लगे हैं। कई दिग्गज कलाकारों के आने से यह फेहरिस्त और लंबी हो गई।

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अमिताभ हैं सर्वोपरि

महानायक अमिताभ ने इस मामले में विशिष्ट छाप छोड़ी है। नई फिल्म ‘कल्की’ की सफलता इसका बेहतर उदाहरण है। इस उम्र में भले ही वह कम फिल्में कर रहे हों,अपने किरदार से पूरी फिल्म पर हावी होना उन्हें बखूबी आता है। अब उनके बाद आए नाना पाटेकर,अनिल कपूर,जैकी श्राफ,अक्षय कुमार जैसे हीरो इस चैलेंज को कबूल कर रहे हैं।

अक्षय ने चाल बदली

60 की उम्र की तरफ बढ़ रहे अक्षय भी अब इस बात को अच्छी तरह से समझने लगे हैं। ‘ओ माय गॉड-2’ में उनका अंदाज यही सच बताता है। ‘मिशन रानीगंज’ में उनके इस स्टाइल की तारीफ हुई थी। अब उन्होंने इसी अंदाज की फिल्में करने का मन बना लिया है।

पंकज की अपनी धाक

अभी तीन-चार साल पहले अचानक चमके हैं अभिनेता पंकज त्रिपाठी। पंकज ने कैरेक्टर रोल से ही अपनी शुरुआत की है। प्रकाश झा की ‘अपहरण’ में वह भीड़ में खड़े नजर आते हैं। पर इसके बाद से कदम-कदम चल उन्होंने अपनी सशक्त पहचान बनाई। आज हर दूसरी फिल्म में वह अहम रोल करते दिखाई पड़ते हैं। अक्षय की फिल्म ओ माय गॉड-2, मिमी, कागज, स्त्री-2 आदि फिल्मों में वह अहम किरदार में हैं।

अपने अंदाज में चलते नाना

हीरो का रोल करने की बजाय कोई दमदार कैरेक्टर रोल करना नाना को शुरू से ही पसंद था। ‘अंकुश’ से लेकर ‘वैक्सीन वॉर’ तक वह यही करते आ रहे हैं। ‘वैक्सीन वॉर’ में उनका डाक्टर भार्गव का किरदार अच्छे कैरेक्टर प्ले का उदाहरण है। अनीस बज्मी की ‘इट्स माय लाइफ’ भले ही ज्यादा नहीं चली,लेकिन उनकी अभिनय संपन्नता की अद्भुत मिसाल है। जल्द आनेवाली अनिल शर्मा की ‘जर्नी’ में वह फिर पॉवरफुल रोल में दिखाई पड़ेंगे।

अनिल इमेज बदलने में माहिर

युवावस्था में अनिल कपूर ने निर्देशक के. विश्वनाथ की ‘ईश्वर’ में वृद्ध ईश्वरचंद्र विष्णुनाथ ब्रह्मानंद का रोल करके चौंकाया था। इसके बाद से हीरोनुमा रोल के बजाय कैरेक्टर भूमिका करना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। पिछले दिनों रणबीर कपूर की ‘एनीमल’,रितिक के साथ ‘फाइटर’ में वह ऐसे किरदार बहुत आसानी से करते दिखाई पड़े। जल्द रिलीज होने वाली ‘वार-2’, ‘अल्पा’ जैसी फिल्मों में रॉ चीफ का रोल करते नजर आएंगे।

मस्त मौला जैकी

अभिनेता जैकी श्राफ को यह चिंता कम ही रहती है कि फिल्म में उनका किरदार क्या है। दर्जनों फिल्में हैं जिनमें उन्होंने छोटे से किरदार में एक अलग रंग भरा। आमिर की फिल्म ‘धूम-3’ में उनके पिता के रोल की सराहना आज भी होती है। वहीं परिंदा,काश,देवदास,1942- ए लव स्टोरी,सौदागर जैसी कई फिल्मों में कैरेक्टर रोल में ही छाप छोड़ी है।

कई और नाम

नये दौर के कई कलाकारों के सक्रिय होने से यह सूची और ज्यादा लंबी हुई है। इनमें से ज्यादातर स्टेज में भी सक्रिय रहे हैं। गजराज राव, संजय मिश्रा, सौरभ शुक्ला, विजय राज,मुकेश तिवारी, मनोज बाजपेयी आदि इस सूची के चुनींदा नाम हैं। अब जैसे कि फिल्म ‘बधाई हो’ के गजराज इन दिनों खासे व्यस्त हैं। पिछले दिनों अजय देवगन की ‘मैदान में उनके अभिनय की तारीफ हुई। सौरभ शुक्ला भी अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इसी तरह अभिनेता विजय राज की अलग पहचान है। आनेवाली फिल्म ‘विकी और विद्या का वोवाला वीडियो’ में उनका अहम रोल है। वहीं अभिनेता मनोज बाजपेयी की एक्टिंग की रेंज बहुत विस्तृत है।

डिमांड में ये कलाकार

चरित्र अभिनेताओं की इस कड़ी में कई ऐसे नाम हैं,जिन्होंने हीरो के स्टारडम को लगभग धता बताते हुए अपने लिए ओटीटी पर पुख्ता जगह ढूंढ ली है।

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