ए.चक्रवर्ती
जैकलीन फर्नांडीज़ पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे में उनके बड़े हितैषी सलमान खान ने भी उनसे कन्नी काट ली है। असल में हवाला के ज़रिए पैसों की हेराफेरी और जेल में कैद जालसाज़ सुखेश चंद्रशेखर के साथ आत्मीय संबंधों के चलते जांच एंजेंसियों की उनके खिलाफ जांच बहुत तेज़ हो गई है। ऐसे में ‘अटैक’, ‘बच्चन पांडे’, ‘राम सेतु’, ‘सर्कस’ और तेलुगू फिल्म ‘हरी हरा वीरा मल्लु’ की इस हीरोइन की मुश्किलें खासी बढ़ गई हैं। कुछ वक्त से लगने लगा था कि उनके पांव स्टारडम की ज़मीन पर मजबूत हो गए थे। लेकिन अब लग रहा है कि जैकलीन का इस तरह से विवादों में फंसना उनके करिअर के लिए घातक साबित हो सकता है।
क्यों पीछे रह गई रिचा
कहने को तो इस समय अभिनेत्री रिचा चढ्डा ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’, जैसी एकाध फिल्मों और एकाध वेब सीरीज़ को लेकर व्यस्त हैं। उनकी 2012 की एक लोकप्रिय फिल्म ‘फुकरे’ की तीसरी फ्रेंचाइजी फिल्म के शुरू होने की खबर भी ज़रूर सुनाई पड़ी है। उल्लेखनीय है कि इसके दूसरे भाग ‘फुकरे रिटर्न्स’ में भी रिचा का जलवा चरम पर था। देखा जाए तो अपने 12 साल के फिल्म करिअर में ‘फुकरे’ के बाद ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ही उनकी एकमात्र ऐसी फिल्म है, जो उन्हें एक अच्छी अभिनेत्री के तौर पर स्थापित करती है। असल में रिचा जैसी अभिनेत्री को अच्छी फिल्मों के साथ-साथ एक बड़ी हिट फिल्म भी चाहिए। और इस मामले में रिचा अभी काफी पीछे हैं।
चित्रांगदा के बदले-बदले मिजाज़
अपनी ग्लैमरस छवि को किस तरह वक्त के साथ संजीदा अभिनय में बदला जाता है, यह बात अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने अब अच्छी तरह से साबित कर ली है। 16 साल के फिल्म करिअर में पहली बार ‘बॉब विश्वास’ में वह एकदम जुदा अंदाज़ और अलहदा तेवर के साथ दिखाई पड़ी हैं। उम्मीद के उलट ग्लैमर और बोल्डनेस को दरकिनार करते हुए वह पूरी तरह से अपने किरदार को जीती हुई नज़र आती हैं। ज़ाहिर है अब चित्रा का मिजाज़ भी काफी बदला-बदला नज़र आ रहा है। वह हंसकर कहती हैं, ‘मैं जानती हूं, अब मुझे टाइप्ड कास्ट किया जाएगा। पर अब मैं खुद भी इस तरह के रोल करने के लिए बिल्कुल तैयार हूं।’
उलझे-उलझे अभिषेक बच्चन
अभिषेक बच्चन हाल ही में रिलीज़ नई फिल्म ‘बॉब विश्वास’ में फिर बेहद उलझे-उलझे से दिखाई पड़ते हैं। असल में गलत फिल्मों के चुनाव की वजह से ‘रिफ्यूजी’, ‘गुरु’, ‘युवा’, ‘खेलेंगे जी जान से’, ‘हैप्पी न्यू ईयर’ जैसी कुछ फिल्मों का यह संजीदा अभिनेता कई मामलों में अपने हमउम्र अभिनेताओं से पिछड़ चुका है। अभिषेक ने क्या सोचकर ‘हाउसफुल-3’, ‘मनमर्जिया’, ‘द बिग बुल’, ‘लूडो’ जैसी कमज़ोर फिल्मों का चुनाव किया, यह सवाल बरकरार है। शायद वह यह भूल गए हैं कि आज के दौर में दर्शक उन्हें किसी भी अंट-शंट फिल्मों में नहीं पचा पाएंगे। इसलिए अब भी वक्त है कि वह चीजों को अच्छी तरह से समझ लें। बेहतर यही होगा कि वह निर्देशकों का सोच-समझकर चुनाव करें। उनकी फिल्मों का निर्देशन अनुराग कश्यप, अनुराग बासु, सुजॉय घोष ने किया है।
श्रुति हसन का अंदाज़-ए-बयां
कमल हासन की बेटी श्रुति हसन चार साल की छोटी उम्र से ही फिल्मों में रच-बच गई थीं। आज 35 की इस उम्र में उनकी उपलब्धियों का आकाश बहुत विशाल है। मगर अपने महान पिता कमल हसन की तरह उन्हें भी बॉलीवुड से कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है। हालांकि बॉलीवुड में उनके ग्लैमर का परचम ज़रूर कायम है। हाल ही में काली साड़ी में उनकी कुछ ग्लैमरस तस्वीरों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। शायद यही वजह है कि सार्थक अभिनय के साथ बढ़ती उम्र में उन्होंने अपने फिगर को भी बहुत अच्छी तरह से मेंटेन कर रखा है। अगर एक्टिंग की बात की जाये तो तमाम कवायदों के बावजूद उनका जादू हिंदी फिल्मवालों को अभी तक प्रभावित नहीं कर पाया है।