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उम्रदराज नायक जिनकी हीरो जैसी धाक

असीम चक्रवर्ती निस्संदेह चरित्र अभिनेताओं की तुलना में हमारे सुपरस्टार की पारी हमेशा छोटी होती है। असल में हमारे हीरो की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है,वह बढ़ती उम्र के संकोच बोध से ग्रसित होने लगता है। असल में उम्र तो उम्र...
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असीम चक्रवर्ती

निस्संदेह चरित्र अभिनेताओं की तुलना में हमारे सुपरस्टार की पारी हमेशा छोटी होती है। असल में हमारे हीरो की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है,वह बढ़ती उम्र के संकोच बोध से ग्रसित होने लगता है। असल में उम्र तो उम्र है,वह भला किसी को कहां छोड़नेवाली है। वह चाहे शाहरुख हो या फिर सलमान, अब उन्होंने भी अब अपनी हीरोवाले इमेज को बचाने का प्रयास छोड़ दिया है। इस मामले में अमिताभ बच्चन एक नायाब उदाहरण के तौर पर सामने आते हैं।

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असली अमिताभ

चरित्र अभिनेता का जामा पहनने के बावजूद आज भी पर्दे पर असली हीरो के तौर पर दिखाई पड़ते हैं। वह चाहे ‘पीकू के पिता’ हों या फिर ताजातरीन फिल्म ‘कल्की के कल्की’। किसी रोल को सार्थक करने में उन्हें खास महारत हासिल है। जिसके चलते पूरी फिल्म में उनका करिश्मा साफ दिखाई पड़ता है। उनकी इस शानदार परफॉर्मेंस की वजह से अक्सर उनकी फिल्म का हीरो पिछली सीट पर बैठने के लिए मजबूर हो जाता है। इस बात के ढेरों उदाहरण भी हैं। आज अस्सी पार होने के बाद वह न बेहद सक्रिय हैं बल्कि बॉलीवुड में हर बार अपनी एक नयी छाप छोड़ जाते हैं।

आमिर की सक्रियता

अमिताभ के बाद काम के प्रति उन जैसी लगन और निष्ठा एकमात्र आमिर खान में ही दिखाई पड़ती है। यह बात उन्होंने फिल्म ‘दंगल’ में साबित कर दी थी। मगर परफेक्शनिस्ट आमिर कभी ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आये। साल में एक से ज्यादा फिल्म उन्होंने कभी नहीं की। दूसरी ओर फिल्म प्रोडक्शन में उनका मन हमेशा रमता रहा है। आमिर खान प्रोडक्शन हाउस की नींव रखी है। मगर जब भी एक्टिंग की उनकी परफामेँस की सर्वत्र तारीफ हुई।

दूसरे समकालीन मेच्योर सितारे

अमिताभ के समकालीन धर्मेंन्द्र,मनोज कुमार,जितेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती,शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई पुराने हीरो में से ज्यादातर सितारे एक तरह से घर बैठ चुके हैं। मिथुन चक्रवर्ती,शत्रुघ्न सिन्हा आदि राजनीति में ही ज्यादा देखे जा रहे हैं। पर्दे पर इनके दर्शन दुर्लभ हो गये। उम्र की वजह से मनोज कुमार सेल्यूलाइड से बहुत पहले ही दूर हो गये। जबकि धर्मेंद्र पिछली बार करण जौहर की फिल्म में दिखाई पड़े थे। इनमें से ज्यादातर सितारों ने पर्दे पर सक्रियता के मामले में प्रेरणा नहीं ली।

खान हीरो ने रास्ता बदला

बढ़ती उम्र की दस्तक को सबसे पहले आमिर खान ने समझा। देखादेखी दूसरे खान हीरो शाहरुख और सलमान भी इस रास्ते पर चलने का मन बना चुके हैं। शायद उनकी अगली फिल्मों में यह बदलाव दिखाई पड़ेगा। बेशक, आमिर जैसा चुनौती स्वीकार करने का माद्दा इनमें नहीं है।

सन्नी का जवाब नहीं

बिग बी के बाद जिस उम्रदराज हीरो ने अपने स्टारडम को बनाये रखते हुए अपनी इमेज को एकदम बदला है,उनमें सन्नी देओल का नाम सबसे ऊपर है। ‘गदर’ में वह चमत्कारिक ढंग से सामने आए। इसके बाईस साल बाद जब वह ‘गदर-2’ में दिखाई पड़े,तो इसका प्रभाव दर्शकों के ऊपर से उतरा नहीं है। यह सब कुछ उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग और जिस्मानी परफॉर्मेंस से दिखाया था। नए साल में आनेवाली आमिर की राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘लाहौर 1947’ में उनका एक जुदा चेहरा दिखाई पड़ेगा।

सन्नी की टक्कर के नायक

सन्नी देओल के बाद संजय दत्त,अनिल कपूर,जैकी श्राफ जैसे चंद हीरो हैं,जो न सिर्फ उनके लगभग समान ही आयु के हैं,बल्कि परफॉर्मेंस के मामले में जरा भी कमतर नहीं। मगर इनमें अनिल कपूर ही सक्रिय हैं। जैकी भी यदा-कदा दिखाई देते हैं,पर संजय दत्त जरूर न के बराबर फिल्में करते हैं। एक्टिंग की रेंज के मामले में इन तीनों के पास ही उम्दा मिसालें मौजूद हैं। अब तो अनिल कपूर ने टीवी का दामन भी थाम लिया है। वे ही ऐसे दूसरे सितारे हैं,जिन्होंने उम्र के बावजूद क्रिएशन को पहली प्राथमिकता दी है।

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