मुंबई : रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ ही दुनिया भर में एक बार फिर हिंसा और अहिंसा की बहस तेज हो गई है। दोनों पक्षों की अपनी-अपनी धारा है, अलग-अलग विचारधारा है। विचारधाराओं का यह टकराव एक ऐसी प्रक्रिया है, जो लगातार चलती रहती है। समय और काल के हिसाब से उनकी समीक्षा और मूल्यांकन भी चलता रहता है। दुनिया भर में शांति-अहिंसा और लोकतंत्र को चाहने वालों की बड़ी तादाद है। लेकिन ऐसे लोग भी कम नहीं हैं, जिन्हें तानाशाही, हिंसा और युद्ध भी लुभाते हैं। ऐसी ही विषयवस्तु के कारण नलिन सिंह की नयी फिल्म ‘द प्रोटोकॉल’ भी आजकल चर्चा में है। ‘द प्रोटोकॉल’ के जरिये एक्टर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर नलिन सिंह ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण विषयवस्तु को पर्दे पर उतारा है। 25 मिनट की यह शॉर्ट पीरियड फिल्म गांधी और हिटलर की दो ध्रुवीय विचारधाराओं के टकराव को बेहद संजीदगी से पर्दे पर पेश करती है। ‘द प्रोटोकॉल’ का निर्माण एनआरएआई प्रोडक्शन ने किया है। 26 मार्च को ओटीटी प्लेटफार्म हंगामा डॉट कॉम और वीआई मूवीज पर ‘द प्रोटोकॉल’ के साथ इसी प्रोडक्शन की तीन अन्य शॉर्ट फिल्में ए स्क्वॉयड, रम विद कोला और कॉलिंग चड्ढा भी रिलीज हो रही हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में ये फिल्में एमएक्स प्लेयर पर भी आ जाएंगी।
इससे पहले नलिन सिंह ने माई वर्जिन डायरी, इन्द्रधनुष, गांधी टू हिटलर और ए नाइट बिफोर द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी मशहूर फिल्में बनाई हैं, जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया है और समीक्षकों ने भी खूब सराहा है। फिल्म के मकसद और सामाजिक संदेश पर चर्चा करते हुए नलिन सिंह कहते हैं, “यह फिल्म दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को मजबूत करने की एक कोशिश है, जिससे अखंड भारत के सपने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।