यह काफी आश्चर्यजनक है कि किसान स्वयं टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं, भले ही विरोध स्थल पर एक टीका केंद्र स्थापित किया गया हो। इससे गंभीर नतीजे हो सकते हैं क्योंकि विरोध स्थल में एक भी कोविड पॉजिटिव बीमार व्यक्ति सभी को संक्रमित कर सकता है। यह चिंताजनक स्थिति है। वैसे भी लोगों की लापरवाही के कारण देश कोरोना वायरस की एक और लहर का सामना कर रहा है। किसानों को स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए।
पलक बठला, कैथल
चुनावी हथकंडा
असम में विधानसभा चुनाव हेतु सभी राजनीतिक दल के नेताओं के प्रचार अभियान जोरदार तरीके से चल रहे हैं। पश्चिम बंगाल की राजनीति से उपजा हुआ एक विशेष डायलॉग ‘खेला हबे’ द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कर्मियों ने अपने-अपने प्रचार अभियान के दौरान बार-बार दोहराया जाता है। वहीं पश्चिम बंगाल से लेकर अब असम में भी कांग्रेस के नेताओं तक ने इस विशेष डायलॉग का प्रचार जबरदस्त तरीके से किया है।
चंदन कुमार नाथ, गुवाहाटी, असम