हर वर्ष गर्मियों में देश के कुछ वन संपदा के धनी राज्यों के जंगलों में भयंकर आग लगने की खबरें पढ़ने, सुनने और देखने को मिलती हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल में कुछ लोग गर्मियों के दिनों में बेकार की घास-फूस को जलाने के लिए जंगलों या खेतों में आग लगा देते हैं, जिस कारण सैकड़ों वृक्ष भी आग की बलि चढ़ जाते हैं। वहीं बेशकीमती जड़ी-बूटियां भी स्वाह हो जाती हैं। वहीं जंगलों की आग जंगली जीवों को भयंकर नुकसान पहुंचाती है। जब हरेभरे जंगल नष्ट हो जाते है तो कई हिंंसक जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
सख्त कदम उठाएं
भारत में सोशल मीडिया और सरकार के बीच कानून के पालन काे लेकर गहराया विवाद दुनिया के अन्य देशों में भी प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। नाइजीरिया सरकार ने ट्विटर को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर अपने सख्त इरादे जाहिर कर दिए हैं। अगर भारत के कानून को देश में ही अहमियत नहीं मिले तो सरकार को भी ऐसे ही कदम उठाने चाहिए। यह उचित ही है कि कोई देश अपनी संप्रभुता और अखंडता पर पैदा होते खतरे के मद्देनजर चुप कैसे बैठ सकता है? भारत सरकार भी सख्त कदम उठाए।
अमृतलाल मारू ‘रवि’, धार, म.प्र.
उम्मीदों की राह
हाल ही में प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को मुफ्त में टीकाकरण करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी है। उन्होंने टीकाकरण को तेज करने के लिए सभी संदेहों को दूर किया है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। अब आमजन को कोरोना से बचाव के टीके लगवाने के लिए आगे आना चाहिए। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार अच्छा मानसून और मजबूत निर्यात की मांग हमारी अर्थव्यवस्था को चलाने के कारक होंगे। अब उम्मीद है कि ये सभी कारक आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे।
नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, जोगिंदर नगर