सतर्कता बचाएगी
अनलॉक में बरती सतर्कता ही हमें तीसरी लहर से बचाएगी। रोजी-रोटी के साथ-साथ टीकाकरण और कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखना होगा। छूट मिलने पर भी हम विवाह और मृत्यु आडम्बर रहित रहें। जब तक संभव हो घर से काम करें, डिजिटल भुगतान करें, भीड़-भाड़ से बचें, बेवजह न घूमें, इत्यादि-इत्यादि। सरकार को उसकी ज़िम्मेदारियों का अहसास कराने के साथ-साथ हमें अपने कर्तव्यों का पालन भी ईमानदारी से करना होगा। हमारी गैर-जिम्मेदाराना हरकत ही कोरोना की तीसरी लहर को भयावह बनाएगी।
बृजेश माथुर, गाज़ियाबाद
सावधान रहें
कोरोना से बचाव केवल परस्पर दूरी को बनाए रखने में ही है। लॉकडाउन से यद्यपि स्वतः ही एक सुरक्षित वातावरण मिलता है। अनलॉक की स्थिति में कोरोना से बचाव के लिये उचित वातावरण बनाने की हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। कम व अधिक आयु के लोगों को और गर्भवती स्त्रियों को तो केवल आवश्यकता को देखते हुए बाहर निकलना चाहिए। अनलॉक की प्रक्रिया लोगों की रोटी-रोजी की व्यवस्था को बनाए रखने के लिये एक शासकीय उपक्रम है, जिसे हम सबको समझना होगा। रोग की उग्रता से बचने के लिए हमें स्वयं ही सावधान रहना होगा।
पूनम गक्खड़, हरिद्वार
सजगता आवश्यक
कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या को कोरोना की दूसरी लहर का अंत माना जा रहा है। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब पहली लहर के बाद अनलॉक होने पर बरती गई लापरवाही से सबक सीखकर घर-दफ्तर और केवल जरूरी कामों तक ही सीमित रहने की जरूरत है। निकलना ज़रूरी हो तो घर से बाहर सुरक्षित सामाजिक दूरी बनाकर रखें। कोरोना के साथ इस लड़ाई में टीके के साथ मास्क और सामाजिक-देह दूरी वह अमोघ अस्त्र हैं जो कोरोना रूपी रावण के उर में संचित अमृत के कुंड को सुखाकर संपूर्ण मानवता को उससे मुक्ति दिला सकते हैं।
अनिल कुमार पाण्डेय, पंचकूला
खतरा टला नहीं
हमने कोरोना महामारी की पहली लहर की लापरवाही का खमियाजा दूसरी सुनामी के रूप में भुगता। अब ऐसा न हो कि कहीं दूसरी सुनामी के बाद अपनी लापरवाही व अनदेखी से तीसरी सुनामी को न्योता दे दें। ऐसे में हम अवश्य जान लें कि खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए इसे चुनौती के रूप में लें व देश के सच्चे, सजग नागरिक बनकर अपनी जिम्मेदारियों को समझें। शासन-प्रशासन का सहयोग करते हुए कोविड नियमों का पालन मुस्तैदी से करें। सभी नागरिक लापरवाही छोड़ अपने कर्तव्य का पालन करते हुए वैक्सीन अवश्य लें।
लाडो कटारिया, गुरुग्राम
सख्ती जरूरी
कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद अब जनजीवन सामान्य होने लगा है। अब आम जनता के साथ-साथ सरकार को कठोरता का परिचय देना होगा। अनलॉक होने की स्थिति का सबसे ज्यादा दुरुपयोग कारोबारी करते हैं और यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की बनती है। रैली, प्रदर्शन, उद्घाटन, धार्मिक और पारिवारिक उत्सव जैसे आस्था के नाम पर जुटने वाले लोगों की भीड़ पर सख्ती दिखानी होगी। प्रशासन को भ्ाी भीड़ जुटने वाले राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों के मामले में सख्ती दिखानी पड़ेगी।
जगदीश श्योराण, हिसार
हमारी जवाबदेही
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो हमने हर बार सरकार व प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया, जो सही नहीं कहा जा सकता। देश के जिम्मेदार नागरिक होते हुए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कोविड प्रोटोकॉल का ईमानदारी से पालन करें। स्वास्थ्य समेत समस्त जिम्मेदारियां सरकार व प्रशासन की ही नहीं हैं। सरकार के साथ-साथ हम यदि अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली प्रकार से करेंगे तो कोई दो राय नहीं कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण न पा सकें। कोरोना पर विजय पाने के लिए सरकार के कदमों के साथ कदमताल करना होगा।
सुनील कुमार महला, पटियाला
सावधानी बरतें
कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण के घटते मामलों के मद्देनजर कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है। अभी पहली लहर के अनलॉक के बाद स्कूल-कॉलेज खुल भी नहीं पाए थे कि अपनी घोर लापरवाहियों के कारण हम दूसरी लहर में फंसते चले गए। इससे सबक लेकर हम सबको अनलॉक में मास्क लगाने, भीड़भाड़ से दूर रहने, हाथ साफ करने और टीका लगवाने जैसी जरूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है। कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाने की जिम्मेदारी तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब तीसरी लहर की आशंका है।
देवी दयाल दिसोदिया, फ़रीदाबाद