जन-संसद की राय है कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ हुए गंभीर हादसे बताते हैं कि तमाम सुरक्षा उपायों के बीच कहीं न कहीं चूक हुई है। सजगता व सतर्कता के अभाव में दुर्घटनाएं घटती हैं। इन हादसों के कारणों की तह तक जाना व दुर्घटनाओं से सबक लेना जरूरी है।
सुरक्षा का निर्धारण
यदि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए नियुक्त उच्च अधिकारी ही किन्हीं संदेहास्पद स्थितियों में मारे जायें तो इससे बढ़कर किसी देश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है? सुरक्षा किसे दी जाये, किस स्तर की दी जाये और कब तक दी जाये, इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। फुलप्रूफ़ सुरक्षा व्यवस्था के लिए गुप्तचर संस्थाओं को आधुनिक सुविधाओं से लैस, मज़बूत एवं व्यवस्थित करना चाहिए। सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल हो। साथ ही निजी सुरक्षा एजेंसियों को भी तैयार करना एवं अपराधियों को तत्काल दण्डित करना जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा को कई चक्रों के जरिये फुलप्रूफ बनाया जाये।
कविता सूद, पंचकूला
अलग विभाग बने
महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा हेतु सर्वाधिक जरूरी है कि उनकी सु्रक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी भी स्वयं को सुरक्षित समझेंें, अन्यथा सुरक्षा व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगना है। पहले भी वीआइपी लोगों की सुरक्षा में चूक के कारण हत्याएं हुई हैं, वहीं विगत में संसद पर हमला करके आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों की भी हत्या की थी। जरूरी है वीआईपी और सुरक्षा प्रमुखों की सुरक्षा हेतु एक विशेष विभाग गठित होना, जिसका काम वीआईपी सुरक्षा पर सतत निगरानी रखना हो। ताकि संभावित खतरों से निपटने की तैयारी हरदम और सख्त हो।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
कोई चूक न हो
किसी भी प्रकार की हानि से बचाव ही वास्तव में असली सुरक्षा है। इसके लिए वीवीआईपी सुरक्षा के लिए तैनात जवानों का मुस्तैदी से तैनात, सक्रिय, तेजतर्रार होना अति आवश्यक है। वीवीआईपी के खाने, सोने, उठने-बैठने से लेकर उनकी हरेक एक्टिविटी पर पैनी व तेज नजर रखनी अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, वीवीआईपी की यात्रा, उनके आमजन के बीच जाने, उनसे मिलने आदि पर भी कड़ी नजर व निगरानी रखनी अति आवश्यक है। किसी भी चीज, व्यक्ति पर थोड़ा-सा भी शक या संदेह होने पर उसकी हाथोहाथ जांच होनी चाहिए और तसल्ली के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
सुनील कुमार महला, पटियाला
दुर्घटना के सबक
जिस तरह से सीडीएस का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ, वह देश के लिए बहुत ही चिंता का विषय है। ये हादसे सुरक्षा में चूक हैं। अकेले मौसम खराब होने का हवाला देकर जांच की लीपापोती नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा का सवाल है। ऐसे हेलिकॉप्टर, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और सेना में किया जाता है, का दुर्घटनाग्रस्त होना, किसी साजिश को इंगित करता है। कहीं न कहीं अंदरूनी तौर पर चूक हुई है। इसलिए यह जांच का विषय है। इस दुर्घटना से सबक लेना होगा।
जयदेव राठी, भराण, रोहतक
तह तक जायें
भारत में विभिन्न तरह की सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जाती है, जिसमें सुरक्षा के कई व्यूह होते हैं, जो महत्वपूर्ण व्यक्तियों जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, अधिकारियों, कलाकारों, खिलाड़ियों एवं विशिष्ट नागरिकों को प्रदान की जाती है इसका निर्णय सरकार द्वारा लिया जाता है कि किसे कौन-सी वीआईपी सुरक्षा देनी है। प्रश्न यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा, जांच-पड़ताल के बावजूद हेलिकॉप्टर दुर्घटना कैसे हुई? मौसम का बिगड़ना, कोई विदेशी साजिश है या मानवीय भूल, यह सब दुर्घटना के बाद जांच की बातें हैं। कहीं न कहीं चूक हुई है।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
कहीं तो चूक है
सीडीएस बिपिन रावत व अन्य अधिकारियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत से राष्ट्र की अपूरणीय क्षति हुई। कहीं न कहीं निर्धारित नियमों की उपेक्षा से दुर्घटना हुई है। महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा तो पहले से ही निर्धारित होती है। यद्यपि यह जांच का विषय है। फिर भी कहा जा सकता है कि सुरक्षा में कहीं न कहीं चूक हुई है। यही चूक दुर्घटना का कारण बनी। दुर्घटना की प्रत्येक सिरे से जांच जरूरी है ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में और सतर्क हो सकें। ऐसे हालातों में महत्पूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर पहले से सख्त नियम जरूरी हो जाते हैं।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
पुरस्कृत पत्र
अनुपालन में ही सुरक्षा
निस्संदेह महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा हेतु विस्तृत और सुस्पष्ट निर्देश रेखांकित किये गए होते हैं। फिर भी चूक होने के दो ही कारण प्रतीत होते हैं। एक निर्देशों का कड़ाई से पालन न करना। दूसरा सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के ध्यान में किसी कारण भटकाव हो जाना। सुरक्षा व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने हेतु ब्लूबुक में दिए गए निर्देशों की पूर्ण जानकारी महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा में तैनात सभी अधिकारियों और जवानों को होनी चाहिए और वे अपनी गोलपोस्ट व ड्यूटी से तनिक भी विचलित न हों। खुफिया विभाग व आईबी से प्राप्त इनपुट्स को गंभीरता से लिया जाए और संभावित खतरों से निपटने के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों को भी सुरक्षा स्टाफ का पूर्ण सहयोग करना आवश्यक है। प्रोटोकॉल का जरा भी उल्लंघन न करें।
शेर सिंह, हिसार