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खेती को लाभकारी बनाने के नीतिगत उपाय

जन संसद
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जन संसद की राय है कि खेती को लाभप्रद बनाने के लिए किसानों की आय बढ़ानी जरूरी है। सस्ते ऋण, खाद-बीज पर सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी बदलावकारी हो सकती है।

किसान हित पहले

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कृषि प्रधान देश में किसान कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। वहीं आमदनी दोगुनी करने का सरकारी वादा झूठा साबित हुआ। स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार, किसानों को अमेरिकी तर्ज पर फसल की उचित सब्सिडी, बढ़ा हुआ एमएसपी और आपदाओं से राहत के लिए मुआवजा मिलना चाहिए। सहकारी समितियां सस्ती दरों पर कृषि संसाधन उपलब्ध कराएं। सरकार को किसानों के हित में योजनाओं में पारदर्शिता लाकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

किसानों की आय बढ़े

भारत में कृषि कार्य में लागत बढ़ने से किसान घाटे में हैं। फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और नगद सहायता जैसे नीतिगत उपायों को व्यावहारिक बनाने की आवश्यकता है। छोटे किसानों के लिए सस्ते ऋण और सहकारी समितियों द्वारा कृषि संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। सरकार को कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम करते हुए, किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। जिससे कृषि को लाभकारी बनाया जा सके और किसानों की आय बढ़ाई जा सके।

देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद

ठोस कदम उठाएं

कृषि कार्य को लाभकारी बनाने के लिए सरकार को फसल बीमा योजनाओं को सरल और सस्ता बनाना चाहिए। किसानों को एमएसपी के तहत उनकी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए। कृषि अनुसंधान केंद्रों का आधुनिकीकरण और कृषि बाजार में पारदर्शिता लाना जरूरी है। सहकारी समितियों के जरिए किसानों को सस्ते कर्ज और उर्वरक मिलें। साथ ही, कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार और जलवायु परिवर्तन के अनुसार खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है।

खुशपाल सिंह पतवान, अम्बाला सिटी

नीतिगत सुधार जरूरी

भारत में किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है, इसलिए सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। उन्नत बीज, उर्वरक और आधुनिक सिंचाई तकनीकों से किसानों को लाभ मिल सकता है। फसल विविधीकरण और कृषि यंत्रों का उपयोग बढ़ाने से उनकी लागत कम हो सकती है। मध्यस्थों के बिना सीधे सरकार द्वारा फसल खरीदने की प्रक्रिया से किसानों को उचित मूल्य मिल सकता है। सरकार को कृषि योजनाओं में पारदर्शिता लाकर किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

पूनम कश्यप, नयी दिल्ली

स्थिति चिंताजनक

देश में उद्योग धंधे फल-फूल रहे हैं, लेकिन किसानों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। खेती घाटे का काम बन चुकी है, बावजूद इसके किसान खेतों में जुटे हुए हैं। सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा असफल साबित हुआ। स्वामीनाथन कमीशन रिपोर्ट के अनुसार किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य, एमएसपी और आपदाओं में बीमा की पूरी कीमत मिलनी चाहिए। किसानों का पुराना कर्ज माफ किया जाए तथा छोटे किसानों को शून्य ब्याज की दर पर ऋण मिले।

शामलाल कौशल, रोहतक

पारदर्शिता नीति लाएं

कृषि देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देती है, लेकिन किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे कृषि छोड़ सकते हैं। जिसका असर जीडीपी, खाद्यान्न उत्पादन और खाद्य सुरक्षा पर पड़ेगा। सरकार ने किसानों के हित में कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन उनकी पारदर्शिता में कमी है, जिससे लाभ नहीं मिल पा रहा। किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुसार खेती के लिए जागरूक करना और छोटे किसानों तक योजनाओं का सही तरीके से लाभ पहुंचाना आवश्यक है। खेती को लाभकारी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि देश की कृषि में वृद्धि हो।

राजेश कुमार चौहान, जालंधर

पुरस्कृत

योजनाएं बनें

कृषि को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को उन्नत तकनीक, बीज, उर्वरक, और जलवायु परिवर्तन के अनुसार प्रशिक्षण देना चाहिए। फसल बीमा योजनाओं को सस्ता और सरल बनाकर किसानों को सुरक्षा देनी चाहिए। सहकारी समितियों के माध्यम से सस्ते कर्ज, बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को खेतों के पास स्थापित करने और कृषि और पशुपालन के समन्वय से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इन उपायों से लागत घटेगी और किसानों की आय बढ़ेगी।

बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.

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