प्रेरणा के प्रतीक
भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक फौजा सिंह, जिनकी उम्र 114 वर्ष थी, का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। उन्होंने 90 से अधिक उम्र में मैराथन दौड़ में विश्व कीर्तिमान बनाए। एडिडास ने उन्हें डेविड बेकहम और मोहम्मद अली के साथ ब्रांड एंबेसडर बनाया। भारत के नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। फौजा सिंह जीवट और प्रेरणा के प्रतीक थे।
वीरेन्द्र कुमार जाटव, दिल्ली
नेतृत्व की मिसाल
जगदीप धनखड़ का उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा केवल संवैधानिक गरिमा का प्रतीक नहीं, बल्कि आदर्श नेतृत्व की मिसाल है। किसान परिवार से उठकर सर्वोच्च पद तक पहुंचना और फिर निर्भीकता से पद त्यागना उनकी नैतिक प्रतिबद्धता दिखाता है। वे केवल नेता नहीं, संविधान और न्याय प्रणाली के गहरे जानकार भी रहे हैं।
विभूति बुपक्या, खाचरौद, म.प्र.
फर्जी मतदाता
इन दिनों बिहार में मतदाता सूची का सत्यापन कार्य अंतिम चरण में है। अब तक 35 लाख से अधिक फर्जी नाम हटाए जाने तय माने जा रहे हैं, जिनमें मृत, दोहराव वाले और स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है। देशभर में यह प्रक्रिया अपनाई जाए तो करोड़ों फर्जी नाम हटाए जा सकेंगे।
मनमोहन राजावत, शाजापुर
अकेलेपन की समस्या
बाईस जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘मेले में अकेला’ अकेलेपन की बढ़ती समस्या पर आधारित है। वैज्ञानिक, तकनीकी और भौतिक विकास के बावजूद मनुष्यों में आपसी संबंध कम हो रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद आभासी और कमजोर हुआ है। माता-पिता के कामकाजी होने से बच्चे, बुजुर्ग और दंपति भी अकेलापन महसूस करते हैं। भौतिकतावाद ने दूरी बढ़ाई है। समाज को मिलकर इसका समाधान खोजना होगा।
शामलाल कौशल, रोहतक