पाठकों के पत्र
समृद्ध संस्कृति
हिमाचल प्रदेश की परंपराएं अत्यंत समृद्ध और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर हैं। यहां के लोग अपने रीति-रिवाजों और त्योहारों से गहराई से जुड़े होते हैं, जिन्हें बड़े उत्साह से मनाया जाता है। लोकनृत्य ‘नाटी’ और लोकगीत यहां की सांस्कृतिक पहचान हैं। हिमाचली भोजन भी अनोखा होता है, विशेष रूप से ‘धाम’, जिसमें चना मदरा, तिल की दाल, कढ़ी और मीठा चावल परोसा जाता है। यह परंपराएं राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं।
स्मृति, शूलिनी विवि, सोलन
स्त्री का प्रतिरोध
अठाईस जून को दैनिक ट्रिब्यून में प्रमोद जोशी के लेख ‘आम प्रकृति नहीं, स्त्री का हिंसक प्रतिरोध’ में आधुनिक समाज में स्त्री-पुरुष संबंधों में आ रहे बदलाव पर चर्चा है। शहरीकरण, स्त्री शिक्षा और मीडिया ने स्त्रियों की सोच बदली है। लिव-इन संबंध विवाह संस्था को चुनौती दे रहे हैं। रिश्तों में अविश्वास और दरार बढ़ रही है। यह भारतीय परिवार प्रणाली के लिए चेतावनी है।
शामलाल कौशल, रोहतक
‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्वाड देशों की यह पहली उच्चस्तरीय बैठक थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति स्पष्ट की, जो संयुक्त बयान में भी झलकी। पहलगाम हमले की साजिश विदेशी जमीन पर रचने की बात ने भारत की स्थिति को मजबूत किया। भारत को कूटनीति में संतुलन, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हुए आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक जनमत तैयार करना चाहिए।
विभूति बुपक्या, खाचरौद, म.प्र.
डिजिटल विकास
दो जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘डिजिटल चुनौती’ देश में डिजिटल क्रांति का विश्लेषण करता है। वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस क्रांति से शिक्षा, चिकित्सा, व्यापार और बैंकिंग क्षेत्र में आम लोगों को लाभ हुआ है। विश्व के 49 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और कंप्यूटर सुविधाएं सीमित हैं। सरकार ने बीएसएनएल को प्रोत्साहन दिया है, लेकिन निजी क्षेत्र का वर्चस्व इसे चुनौती बना रहा है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल