उम्मीदों को विस्तार
हरियाणा की मेजबानी में संपन्न हुए ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में प्रदेश के खिलाड़ियों ने सर्वाधिक पदक जीतते हुए समूचे देश में स्वर्णिम सफलता हासिल की है। खेल महोत्सव में हरियाणा का चैंपियन बनकर उभरना दर्शाता है कि खिलाड़ियों में न केवल खेल-भावना कूट-कूट कर भरी हुई है, बल्कि उनकी दमदार प्रस्तुति में देश और प्रदेश का नाम रोशन करने की दृढ़ इच्छाशक्ति निहित है। खट्टर सरकार जिस तरह से खेलों एवं खिलाड़ियों के विकास और उत्थान में निवेश निरूपण कर रही है, उससे भविष्य में हरियाणा खेलों की राजधानी बनकर उभरने वाला है।
युगल किशोर शर्मा, फरीदाबाद
सुधार की दरकार
विजयी खिलाड़ियों के लिए हरियाणा सरकार द्वारा घोषित पुरस्कार राशि से खेलों के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ा है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आये खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे, हरियाणा ही नहीं पूरे देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं। युवा अब खेलों में अपना भविष्य तलाशने लगे हैं। मगर अफसोस की बात है कि गरीब परिवारों के बच्चों के लिए यह डगर अब भी कठिन बनी हुई है। किसी भी खिलाड़ी के लिए प्रशिक्षण केन्द्र और एक ईमानदार समृद्ध कोच की आवश्यकता होती है। सरकारी स्तर पर ये सुविधाएं गौण हैं। सरकार खेल स्टेडियम और प्रशिक्षकों का प्रबंध करे।
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’ , महम
जागरूकता जरूरी
खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 की मेजबानी का जिम्मा लेकर हरियाणा ने यह साबित कर दिया कि वह खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए काफी गंभीर है। हरियाणा के विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया है, ओलंपिक में भी कमाल कर चुके हैं। हरियाणा सरकार को चाहिए कि विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए गांवों से शहरों तक खेल जागरूकता अभियान चलाए। अगर सरकार सभी खेलों के खिलाड़ियों की सुविधाओं के प्रति गंभीर रहे तो हरियाणा हर खेल में नम्बर वन बन जाए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
सफल आयोजन
यह गौरव की बात है कि खेलो इंडिया यूथ गेम-2021 की मेजबानी हरियाणा प्रदेश को मिली। प्रदेश के खिलाड़ियों ने खेलों में 52 सोने के पदक तालिका में दर्ज करके प्रथम स्थान हासिल किया है। वहीं दूसरी ओर खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 के समापन पर ओवरऑल ट्रॉफी अपने नाम की है। हरियाणा के प्राचीन कथन ‘दूध दही का खाणा, ये मेरा हरियाणा’ पर आधारित खिलाड़ियों का खानपान है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि टोक्यो ओलंपिक में हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने भारत को गोल्ड दिलाया। खेलो इंडिया यूथ-2021 में 12 नेशनल रिकॉर्ड बताते हैं कि आयोजन कितना सफल रहा है।
संदीप कुमार वत्स, चंडीगढ़
खेल संस्कृति में योगदान
पिछले कुछ सालों में हरियाणा देश की खेल राजधानी के रूप में उभरा है। दुनिया की तमाम अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हरियाणा की खेल प्रतिभाएं सफलता के परचम लहरा रही हैं। इसमें राज्य की खेल नीतियों व आकर्षक पुरस्कारों की बड़ी भूमिका रही है। मगर अभी भी वैश्विक खेल ताकतों का मुकाबला करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए चयन हेतु पारदर्शी व्यवस्था बनाने की भी आवश्यकता है। खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम देश की खेल संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली
खिलाड़ियों में दमखम
इंडिया यूथ गेम्स-2021 की मेजबानी करने का श्रेय हरियाणा को दिया जाना गर्व की बात है। विभिन्न खेल स्पर्धाओं में जीते कांस्य, रजत, स्वर्ण पदक उनकी मेहनत का परिणाम है। राष्ट्रीय खेलों में जीते सर्वाधिक पदकों ने यह सिद्ध कर दिया कि हरियाणा के खिलाड़ियों में अभी दमखम है। देश का सम्मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकार की ओर से सहायता राशि, नौकरी देकर उनकी हौसला अफजाई करना काबिले तारीफ है। अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में नाम कमाने की चाहत में सरकार की ओर से उभरती खेल प्रतिभाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण कोचों द्वारा प्रदान करने की व्यवस्था ओर बेहतर करनी चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
पुरस्कृत पत्र
सुधार की गुंजाइश
पदकों में शतक लगा कर हरियाणा ने सिद्ध कर दिया है कि वह खेलों की राजधानी बनता जा रहा है। ओलम्पिक से लेकर तमाम विश्व स्पर्धाओं में हरियाणा के खिलाड़ी सोने-चांदी व कांस्य पदक लगातार बड़ी संख्या में लाकर न केवल हरियाणा बल्कि देश का नाम रोशन कर रहे हैं। फिर भी खेल नीति में सुधार की बहुत गुंजाइश है। स्कूलों में खेल नर्सरियां बनाकर बचपन से ही प्रतिभाशाली खिलाडि़यों की पहचान कर उत्कृष्ट प्रशिक्षण व अभ्यास की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान करने की आवश्यकता है। शहरों में विश्वस्तरीय खेल के मैदान, खेलों के सामान और प्रशिक्षण की व्यवस्था कर गुदड़ी के लालों की प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
शेर सिंह, हिसार