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पर्यावरण और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ें युवा : कुलपति राजबीर सिंह

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजबीर सिंह  ने झज्जर में कहा कि किसी भी राष्ट्र या समाज की असली धरोहर वहां के युवा होते हैं। युवाओं को पर्यावरण और शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल करके उन्हें सकारात्मक दिशा दी जा...
झज्जर के माजरा दूबलधन के बाबा माहन दास पुस्तकालय में पर्यावरण और शैक्षणिक गोष्ठी की अध्यक्षता के दौरान पौधारोपण करते हुए महर्षि दयानंद विश्विद्यालय के कुलपति डा.राजबीर सिंह। -हप्र
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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजबीर सिंह  ने झज्जर में कहा कि किसी भी राष्ट्र या समाज की असली धरोहर वहां के युवा होते हैं। युवाओं को पर्यावरण और शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल करके उन्हें सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। माजरा दूबलधन के देवालय सरोवर पर बाबा मोहन दास पुस्तकालय में पर्यावरण और शैक्षणिक गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजबीर सिंह ने ये विचार व्यक्त किये। डॉ राजबीर सिंह ने कहा कि यदि किसी देश के युवा समाज की मुख्यधारा से अलग हो जाए तो वह समाज या राष्ट्र पंगु हो जाता है।

माजरा दूबलधन शुरू से ही शिक्षा का केंद्र : कुलपति राजबीर

बाबा मोहन दास सेवा समिति युवाओं को सही दिशा देने के लिए पौधारोपण, पुस्तकालय तथा शैक्षिक कार्यक्रमों का संचालन करता रहता है इसके लिए ये समिति बधाई की पात्र है। माजरा दूबलधन गांव शुरू से ही शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र रहा है यहां दुर्वासा ऋषि के आश्रम में देश-विदेश से हजारों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा दूबलधन के राजकीय महाविद्यालय में विज्ञान और स्नातकोतर की कक्षाओं की मांग को बहुत ही आवश्यक बताया क्योंकि ग्रामीण परिवेश में उच्चत्तर शिक्षा उपलब्ध कराके ही हम भारत को परम वैभव तक ले जा सकते हैं। दूबलधन कॉलेज पिछले 50 वर्षों से उच्चत्तर शिक्षा के क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश की सेवा कर रहा हैं। अतः यहां की विज्ञान की कक्षाओं से लड़कियों और युवाओं को आगे बढ़ने का विशेष अवसर मिलेगा।

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दिव्यांगों की सेवा सबसे बड़ी मानवता : शरणजीत कौर

इस अवसर पर आरसीआई की अध्यक्ष शरणजीत कौर ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा ही सबसे बड़ी मानव सेवा है। अतः दिव्यांगों को आगे लाकर के हम समाज से अपंगता के कलंक को मिटा सकते हैं । महिलाओं की शिक्षा से ही राष्ट्र तरक्की कर सकता है। ग्रामीणों ने दूबलधन के राजकीय कॉलेज में स्नातकोत्तर व विज्ञान कक्षाएं लगाने की मांग की थी, जिन्हें कुलपति दंपति ने तुरंत स्वीकार कर लिया। अगले सत्र से इस कॉलेज को विज्ञान युक्त पीजी कॉलेज बनाने की घोषणा की तथा बाबा मोहनदास संस्थान में कंप्यूटर के सर्टिफिकेट कोर्स खोलने की भी मांग को स्वीकार कर लिया।

इसी सत्र से शुरू होगा कंप्यूटर कोर्स : कुलपति राजबीर

इसी सत्र से ही इस पुस्तकालय में कंप्यूटर की सर्टिफिकेट कोर्स को इस इलाके के बच्चे करेंगे, जिसे महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से मान्यता प्राप्त होगी। गांव की तरफ से महंत छतर सिंह, जय भगवान ठेकेदार, कादयान खाप के सचिव सुखचंद,प्रिंसिपल रणवीर सिंह ने पगड़ी व बाबा मोहन दास का स्वरूप भेंट किया तथा मिसिज कुलपति शरणजीत कौर को सहायक प्रोफेसर ओमपति व अन्य महिलाओं ने पुष्पगुछ भेंट करके सम्मान किया। उन्हें बाबा मोहन दास सेवा समिति के सेवा कार्यों का से अवगत कराया।

'कुलपति राजबीर सिंह शिव रूप में आए'

इस मौके पर डॉक्टर दयानंद ने कहा कि कुलपति राजबीर सिंह (दंपति) शिव और पार्वती के रूप में आए हैं जो दूबलधन कॉलेज का उध्दार करेंगे। यह इस इलाके के लिए एक बहुत ही सुनहरा वरदान साबित होगा। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर समुद्र कौशिक ने पौधारोपण और शैक्षणिक गतिविधियों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा सभी वक्ताओं व श्रोताओं का धन्यवाद किया।

इस मौके पर एमडीयू के गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा,जाट शिक्षण संस्था के कोलाजियम प्रतिनिधि पवन कादयान, सत्य प्रकाश,अशोक सेक्रेटरी,राजपाल कादयान,संजीव कादयान,सतेंद्र पटवारी,प्रेमपाल साहब,प्रोफेसर अजय कादयान,जयपाल नंबरदार,वैटनरी सर्जन जयपाल सिंह तथा चरणसिंह साहब विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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