नई अनाज मंडी में रविवार को आयोजित विशाल यूथ मैराथन प्रशासन की फूलप्रूफ तैयारियों के दावों के बावजूद अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। अधिकांश सरकारी इंतजाम अनुभवहीनता व लापरवाही स्तर के प्रतीत हुए। नशा मुक्ति व फिटनेस जागरूकता का संदेश देने वाले इस आयोजन को जिले के स्कूली बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों और ग्राम पंचायतों की अनिवार्य भागीदारी पर टिका कर सफल बनाया गया।
करीब 65 हजार रजिस्ट्रेशन दर्ज होने के बावजूद वास्तविक प्रतिभागियों की संख्या अनुमानित आंकड़े से आधी से भी कम रही। भीड़ अपेक्षाकृत कम होने पर भी सुरक्षा व यातायात व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई नजर आईं। नियमों के अनुसार निर्धारित रूट को केवल धावकों के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए था, लेकिन बड़ी संख्या में वाहन दौड़ते रहे। हालात इतने बिगड़ गए कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का काफिला भी धावकों के बीच से गुजार दिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा झंडी दिखाने के तुरंत बाद लौटने वाले कर्मचारियों के वाहन भी मैराथन रूट पर अव्यवस्था फैलाते रहे और पुलिस इन्हें नियंत्रित करने में विफल रही।
प्रशासनिक तैयारियों की बड़ी खामी रही कि चौटाला रोड पर 21 और 10 किलोमीटर वर्ग की दौड़ को 5 किलोमीटर वर्ग का एक ही रूट रखा गया। परिणामस्वरूप तीनों वर्गों के धावक आमने-सामने दौड़ते रहे, जिससे भ्रम और अव्यवस्था और गहरा गई। रूट चिप की तकनीकी व्यवस्था के सूत्रों ने भी प्रशासनिक अव्यवस्था पर भी सवाल उठाये हैं। शहरवासियों की भागीदारी लगभग नगण्य रही, जबकि व्यापारी संगठन प्रशासनिक दबाव में मौजूद दिखे। स्थानीय जनता की दूरी ने आयोजन की लोकप्रियता व उद्देश्य दोनों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा डबवाली के विकास संबंधी कोई घोषणा न किए जाने से लोगों में निराशा छा गई। यूथ मैराथन के दौरान दो दौड़ाकों 30 वर्षीय सुरजीत वासी नरवाना व 15 वर्षीय रुक्मण की हालत बिगड़ गयी थी, जिसके चलते उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया।
यूथ मैराथन खोखले प्रचार तक सिमटी : अमित सिहाग
पूर्व विधायक अमित सिहाग ने कहा कि यूथ मैराथन केवल खोखले प्रचार तक सीमित रह गई। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ युवाओं को जोड़ने का प्रयास सकारात्मक जरूर है, लेकिन मुख्यमंत्री ने रोजगार, उद्योग, खेल स्टेडियम और नशा मुक्ति केंद्र जैसी प्रमुख मांगों पर कोई घोषणा नहीं की। सिहाग ने कहा कि डबवाली को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री ठोस सौगात देंगे, लेकिन क्षेत्र को केवल निराशा ही हाथ लगी।