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अमेरिका से डिपोर्ट होकर घर पहुंचे युवा, कैथल में रिश्तेदारों, दोस्तों के यहां बिता रहे समय

डिप्रेशन में युवा, परिवारों पर कर्ज चुकाने का दबाव
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कैथल, 6 फरवरी (हप्र)

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए कैथल जिले के 5 युवा अपने गांव तो लौट आए हैं लेकिन वे गहरे मानसिक तनाव में हैं। सब कुछ गवां कर वतन लौटे ये युवा अपने घर जाने की बजाय दोस्तों और रिश्तेदारों के पास समय बिता रहे हैं। इनमें से चार युवाओं को पंजाब पुलिस ने उनके गांवों तक छोड़ा, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

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पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिले में अब तक चार युवाओं के घर वापसी हो चुकी है, जबकि चार अन्य युवाओं की अगली फ्लाइट में आने की बात कही जा रही है। डिपोर्ट लोगों में गांव धुंधरेड़ी निवासी साहिल, गांव प्यौदा निवासी अभिषेक, गांव कसान निवासी अंकित और गांव अटेला निवासी अमन शामिल हैं।  ये युवा गहरे मानसिक तनाव में हैं। वे घर जाने की बजाय रिश्तेदारों और दोस्तों के पास रह रहे हैं। युवाओं के माता पिता ने विदेश में नौकरी की उम्मीद में मोटा कर्ज लिया था लेकिन अब चिंता इस कर्ज को चुकाने की है।

परिजनों ने बताया कि साहिल 7 महीने पहले अमेरिका के लिए घर से गया था, अमेरिका तक पहुंचने में 6 महीने से अधिक का समय लग गया। वह पिछले 15 दिन से जेल में ही बंद था और उसे कोई भी कानूनी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया। जब उसे घर लाया जा रहा था तब साहिल ने बताया कि पुलिस अंबाला तक उनके हाथ और पैरों में हथकड़ियां लगा कर लाई थी।

घरौंडा (निस) : डिपोर्ट भारतीयों में घरौंडा के दो युवक शामिल थे। जिनमें से एक कालरम गांव का आकाश है और दूसरा घरौंडा का अरूण पाल है। 6 फरवरी की सुबह आकाश अपने घर पहुंच गया, लेकिन अरूण पाल घर नहीं लौटा। वह कहां है, इसके बारे में परिजनों को कोई जानकारी नहीं है।

पानीपत (हप्र) : अमेरिका से डिपोर्ट युवाओं में रिशपुर का रहने वाला अनुज रावल भी शामिल है। अनुज का परिवार शहर में रहकर मेहनत मजदूरी करता है। अनुज के पिता जयभगवान ने चार माह पहले करीब 40 लाख रूपये कही कही से लेकर एजेंट के माध्यम से बेटे को अमेरिका भेजा था।

डिपोर्ट युवकों में दो बराड़ा के भी

बराड़ा (निस) :  अमेरिका द्वारा िडपोर्ट लोगों में दो युवक बराड़ा के निवासी हैं। बराड़ा के सिंहपुरा मोहल्ला निवासी 20 वर्षीय शिवम 26 दिसंबर को अमेरिका गया था और वह 24 जनवरी को अमेरिका पहुंचा। वहां अवैध रूप से अमेरिका में घुसने पर पकड़ लिया गया और अब उसे भारत भेजा गया है। शिवम का पैतृक गांव अधोया मुसलमान है और उनके कागजात भी वहीं के हैं, लेकिन वह काफी समय से सिंहपुरा मोहल्ला में घर बनाकर रह रहे हैं। उसके पिता भी विदेश में ही काम करते हैं। जब उनके घर सिंहपुरा मोहल्ला में उनसे संपर्क करना चाहा तो शिवम और उसके परिजनों से बात करने इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि उसके पैर में चोट लगी है, लेकिन यह नहीं पता कि यह चोट आखिर कैसे लगी। वहीं बराड़ा के ही गांव मनुमाजरा के पूर्व सरपंच नवाब सिंह का बेटा पेरिस 22 दिसंबर को भारत से अमेरिका के लिए रवाना हुआ था और 24 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था। पेरिस के परिजनों ने भी इस बारे में कोई भी बात करने से इनकार कर दिया। दोनों ही युवक देर रात अपने घर पहुंचे। थाना प्रभारी प्रमोद राणा ने कहा कि गांव मनुमाजरा के पेरिस और अधोया के शिवम को अमेरिका से भारत भेजा है जो देर रात अपने घर पहुंचे।

मैक्सिको से बॉर्डर पार करते ही पकड़ा गया था गगनप्रीत

फ़तेहाबाद/टोहाना (हप्र/निस)

डिपोर्ट लोगों में फतेहाबाद का गगनप्रीत भी शामिल है। प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार तड़के उसे सकुशल भूना के गांव दिगोह में उसके परिवार के पास पहुंचा दिया। डिपोर्ट लोगों में जिले के दो युवक शामिल हैं। इनमें दिगोह का गगनप्रीत और भूना का गुरनाम शामिल है। बुधवार को आए लोगों में दिगोह निवासी गगनप्रीत ही वापस लौटा है। गगनप्रीत सिंह बृहस्पतिवार तड़के साढ़े 6 बजे दिगोह में परिजनों के पास सकुशल लौट आया। गगनप्रीत सिंह 23 अगस्त 2022 को स्टूडेंट वीजा पर अपनी दो में से डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर इंगलैंड गया था। इंगलैंड से 17 दिसंबर को वह अमेरिका में प्रवेश करने के लिए निकला था। डोंकी के जरिए 22 जनवरी को ही वह अमरीका पहुंचा था। बॉर्डर पर ही अमेरिकन सीमा पुलिस ने उसे पकड़ लिया था तथा 13 दिन बाद उसे डिपोर्ट कर दिया।

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