पानीपत में खतरे के निशान पर पहुंचा यमुना का पानी, हाई अलर्ट जारी
एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों ने किया यमुना तटबंध का दौरा
जिला में यमुना नदी का पानी सोमवार दोपहर को चेतावनी स्तर 231 मीटर पार करके देर शाम खतरे के निशान 231.50 मीटर के पास पहुंच चुका है। इसके चलते पानीपत प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। उपायुक्त डाॅ. विरेद्र दहिया ने सभी संबंधित अधिकारियों एवं विभागों को पत्र जारी किया है।
वहीं समालखा के एसडीएम अमित कुमार, बीडीपीओ शक्ति सिंह, सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी, एसडीओ सतीश कुमार व जेई मोहित, प्रदीप व हरीश ने बेलदारों को साथ लेकर सोमवार को गांव राणा माजरा से लेकर हरिद्वार हाईवे पर यमुना पुल के पास तक तटबंध का दौरा किया। यमुना का पानी बढने से तटबंध की निगरानी के लिये प्रशासन व सिंचाई विभाग के एक्सईएन ने जेई व बेलदारों की कई टीमें यमुना तटबंध की निगरानी के लिये तटबंध पर तैनात कर दी है।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन व एसडीओ भी निरंतर यमुना तटबंध की देखरेख करेंगे और पल-पल की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को देंगे। सनौली व बापौली ब्लाकों के बीडीपीओ कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया हुआ है और बीडीपीओ के माध्यम से यमुना के आसपास के गांव में मुनादी करवाकर किसानों को खेतों में ना जाने की सलाह दी गई है।
ग्राम सचिवों व पटवारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है और वे भी गांव के सरपंचों व नंबरदारों के टच में रहकर तटबंध की देखरेख करेंगे। एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सतीश कुमार ने बताया कि पानीपत जिला में बाढ बचाओ प्रबंधन के तहत सभी प्रबंध किये गये है और विभाग की कई टीमें निरंतर यमुना तटबंध की निगरानी कर रही है।
उन्होंने कहा कि सोमवार देर शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक बैराज से छोडा गया लाखों क्यूसेक पानी पानीपत जिला की सीमा पार करके आगे निकल जाएगा। बता दे कि हथिनीकुंड बैराज से सोमवार को सुबह 8 बजे 311029 क्यूसेक, 9 बजे 329313, 10 बजे 321653, 11 बजे 319367, दोपहर को 12 बजे 323180, दोपहर बाद एक बजे 322416, 2 बजे 303519 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
दूसरे जिलों से मंगवाई गई है पोपलेन मशीनें व जेसीबी
यमुना तटबंध की जरूरत पडने पर मरम्मत को लेकर दूसरे जिलों से भी सोमवार को अनेकों जेसीबी व पोपलेन मशीनें मंगवाई गई है। इन जेसीबी व पोपलेन मशीनों को यमुना तटबंध पर विभन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। सिंचाई विभाग ने मजदूरों से कई हजार मिट्टी के कट्टे भरवा कर तटबंध व उसके आसपास रखे हुए है।