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पानीपत में अभी भी खतरे के निशान पर यमुना

सिंचाई विभाग के एक्सईएन, एसडीओ व जेई की टीमें कर रहीं तटबंध की निगरानी
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पानीपत में हरिद्वार हाईवे पर बने पुल के पास से बहता यमुना का पानी। -हप्र
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जिले में यमुना का पानी देर रात करीब 2 फीट कम होकर खतरे के निशान 231.50 मीटर पर पहुंच गया और मंगलवार रात से लेकर बुधवार शाम तक लगातार खतरे के ही निशान पर चल रहा है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी के अनुसार यमुना में बुधवार रात से पानी कम होना शुरू होगा और संभावना है कि बृहस्पतिवार सुबह तक चेतावनी निशान 231 मीटर से भी कुछ नीचे पहुंच जाएगा। बता दें कि मंगलवार को यमुना का पानी खतरे के निशान से भी करीब 2 फीट उपर पहुंच गया था। यमुना में पानी बुधवार को दिनभर खतरे के निशान पर चलने से खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। जिसके चलते सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की विभिन्न टीमें अभी भी यमुना तटबंध की निरंतर निगरानी कर रही है। सिंचाई विभाग द्वारा जेसीबी व पोपलेन मशीनों को अभी भी तटबंध पर विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। डीसी डाॅ. वीरेंद्र कुमार दहिया लगातार एक्सईएन सुरेश सैनी व अन्य अधिकारियों से यमुना के पानी के लेवल की लगातार अपडेट ले रहे हैं। यमुना के पानी ने गांव नवादा आर में तटबंध के अंदर करीब 2 सप्ताह पहले किसानों की भूमि का कटाव शुरू कर दिया था और कटाव के पास ज्यादा पानी होने से उसकी रोकथाम अभी पूरी तरह नहीं हो पाई है। गांव नवाद आर में सिंचाई विभाग का जेई मोहित अपनी टीम के साथ ही वहां पर टेंट लगाकर तीन दिनों से डयूटी दे रहा है। वहां पर जेसीबी मशीनोंं को भी मौके पर खड़ा किया गया है। बता दें कि गांव नवादा आर व तामशाबाद ही वह गांव हैं, जहां यमुना का तटबंध 1978, 2013 व 11 जुलाई 2023 में टूटा था। इसी एरिया में यमुना के तटबंध का टूटने का ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि इन दोनों गांव के तटबंध के पास से होकर यमुना का पानी बहता है।

मारकंडा नदी में 32,243 क्येसक पानी

शाहाबाद मारकंडा (निस) :

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मारकंडा नदी में सिरमौर से बरसात का पानी आना लगातार जारी है। समाचार लिखे जाने तक 32,243 क्यूसेक पानी बह रहा था। गेज रीडर रविंद्र के अनुसार पानी का बढ़ना लगातार जारी है। अब यह खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। मुलाना, कालाअंब, रून व वेगना नदी में पानी भरा है और देर रात तक और पानी आ जाने के कारण इसका लेवल 37 से 38 हजार क्यूसेक तक जा सकता है जिससे ग्रामीण इलाकों में स्थिति और बिगड़ सकती है। अभी शाहाबाद हलके के कई गांव जलमग्न हैं। दूसरी ओर कई सामाजिक संस्थाएं ग्रामीणों की मदद कर रही हैं। शाहाबाद में कार्यरत हेल्पर्स बाढ़ में फंसे लोगों व जरूरतमंदों तक 2 समय भोजन उपलब्ध करवा रही है। हेल्पर्स की फूड वैन सुबह 10 बजे से लोगों को भोजन की सप्लाई करने लगी थी। बाजीगर काॅलोनी के लोगों को भोजन करवाया गया। आज सुबह एक घर की छत गिर जाने के कारण घायल हुए लोगों को हेल्पर्स की एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल कुरूक्षेत्र पहुंचाया गया। प्रधान तिलकराज अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या सरपंच उनके जिम्मे जो भी काम लगाएगा, वह उसे सहयोग के रूप में पूरा करेंगे।

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