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पानीपत में यमुना नदी उफान पर, खतरे के निशान से ऊपर बह रहा पानी

पहाडों एवं मैदानी क्षेत्रों में हो रही बरसात से पानीपत में यमुना नदी उफान पर चल रही है। सोमवार रात यमुना का पानी खतरे के निशान 231.50 मीटर के आसपास चल रहा था, लेकिन मंगलवार सुबह पानी खतरे के निशान...
पानीपत में हरिद्वार हाईवे पर बने पुल के नीचे ऊफान पर बहता यमुना का पानी। -हप्र
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पहाडों एवं मैदानी क्षेत्रों में हो रही बरसात से पानीपत में यमुना नदी उफान पर चल रही है। सोमवार रात यमुना का पानी खतरे के निशान 231.50 मीटर के आसपास चल रहा था, लेकिन मंगलवार सुबह पानी खतरे के निशान से भी उपर पहुंच गया। हथिनीकुंड बैराज से 1 दिन पहले छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी मंगलवार को पानीपत की सीमा पार करके आगे दिल्ली की तरफ जा रहा है और मंगलवार रात से यमुना का पानी कम होना शुरू हो जाएगा। बैराज से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी के चलते पानीपत प्रशासन ने सोमवार को ही हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था। हाई अलर्ट के चलते सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी, एसडीओ सतीश कुमार, जेई मोहित, हरीश व प्रदीप के अलावा बेलदारों ने यमुना तटबंध पर ही डेरा डाला हुआ था। इसके अलावा आसपास के गांव में मुनादी करवाकर ठीकरी पहरा लगाया गया था और तहसीलदार, कानूनगो व पटवारियों के अलावा बीडीपीओ व ग्राम सचिवों की भी डयूटी लगाई गई थी। डीसी डाॅ. विरेंद्र कुमार दहिया निरंतर यमुना के पानी को लेकर एक्सईएन सुरेश सैनी सहित अन्य अधिकारियों से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे गांव पत्थरगढ़ के पास यमुना के तटबंध में रिसाव हो गया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों व ग्रामीणों ने जेसीबी से मिट्टी डलवाकर और मजदूरों से मिट्टी के कट्टे डलवाकर उस पर काबू पा लिया गया। इसके अलावा गांव नवादा के पास भी तटबंध में रिसाव हो गया था, लेकिन वहां भी सिंचाई विभाग व ग्रामीणों ने मिट्टी के कट्टे डालकर रिसाव पर काबू पा लिया। एसडीएम समालखा अमित कुमार ने कहा कि हथिनीकुंड से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी के चलते यमुना के आसपास के गांव में पहले ही ठीकरी पहरा लगा दिया गया था और किसानों को मुनादी करवाकर खेतों में नाजाने की सलाह दी गई थी। हाई अलर्ट घोषित करते हुए ग्र्राम सचिव, पटवारी की भी डयूटी लगाई गई थी। वहीं सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी ने बताया कि बाढ़ बचाओ को लेकर पहले ही पुख्ता प्रबंध किये गये है।

हरिद्वार हाईवे पर पुलिस थाना के पास गौशाला में भरा पानी, 350 गायों को रेस्कयू किया

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यमुना का पानी गांव रामड़ा के पास खेतों से होकर हरिद्वार हाईवे पर पुलिस थाना के पास सनौली गौशाला के निचले एरिया में भर गया। यहां मौजूद करीब 350 गौवंश को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन निचले एरिया में गौवंश का भूसा पानी में डूब गया। यमुना का पानी गांव रामड़ा आर और सनौली खुर्द के खेतों में खड़ी धान व अन्य फसलों में भर गया। यमुना के आसपास के एक दर्जन से ज्यादा गांव के किसानों की यमुना तटबंध के अंदर ईख, ज्चार व सब्जियों की हजारों एकड फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। किसानों का कहना है कि ईख की फसल तो खराब नहीं होगी लेकिन सब्जियों की फसल तो कई दिन पानी भरा रहने से बर्बाद हो जाएगी।

गांव रहीमपुर खेड़ी का संपर्क कटा, टापू पर बच्चों, महिलाओं समेत 80 लोग

यमुना के टापू पर बसे गांव रहीमपुर खेड़ी के चारों तरफ पानी भरने से गांव का संपर्क शहर से कट गया। बताया जा रहा है कि गांव में अभी भी वहां बच्चों, महिलाओं सहित करीब 80 लोग मौजूद हैं। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा 2 दिन पहले ही वहां के ग्रामीणों को आने के लिये कहा गया था, लेकिन वे अपने पशु व खेती को छोड़कर नहीं आये। इस बारे में गांव रहीमपुर खेड़ी, मिर्जापुर व गोयला के सरपंच अनिल गोस्वामी ने बताया कि गांव का संपर्क पूरी तरह से कट गया है और अब वहां से ईजन बोट से भी नहीं आया जा सकता। बता दें कि कई दर्जन परिवारों की रहीमपुर खेड़ी में जमीन है और वे वहां पर रहकर खेती करते हैं।

 

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