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यमुना नदी उफान पर, हरियाणा में अलर्ट जारी; दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा

हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज

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पंजाब और हरियाणा में भारी वर्षा के कारण जनजीवन पहले से ही प्रभावित है, अब यमुना नदी ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। मानसून के इस मौसम में पहली बार यमुना का जलस्तर हाई फ्लड लेवल को पार कर गया है। हथिनी कुंड बैराज पर जलस्तर रिकॉर्ड 3 लाख 29 हजार 313 क्यूसेक तक पहुंच चुका है। जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है, जिससे आगामी 48 से 72 घंटे के भीतर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के यमुना के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है।

सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हरियाणा के विभिन्न जिलों और दिल्ली सरकार को स्थिति की जानकारी दी है ताकि बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह 3 बजे 97,869 क्यूसेक था, जो 4 बजे बढ़कर 1,65,000 क्यूसेक, 5 बजे 2,10,361 क्यूसेक और 6 बजे 2,38,758 क्यूसेक तक पहुंच गया।

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हाई फ्लड का मानक 2.5 लाख क्यूसेक से ऊपर माना जाता है। सुबह 9 बजे जलस्तर ने 3,29,313 क्यूसेक का आंकड़ा पार कर लिया। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश और हरियाणा में नहरों में पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यमुना में बैराज से निकलने वाला पूरा पानी नदी में छोड़ दिया जा रहा है, जिससे यमुना के आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी रोकना संभव नहीं

सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग के नियमों के अनुसार बैराज पर 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी आने पर इसे रोकना संभव नहीं है, इसलिए पानी को मजबूरन डिस्चार्ज करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में यमुना में 3,59,000 क्यूसेक पानी आया था, जिससे यमुनानगर के लापरा सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इस वर्ष भी सभी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित इलाकों में नजर बनाए हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री के निर्देश पर निरीक्षण

मुख्यमंत्री नायब सैनी और सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देश पर सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर नीतिश जैन हथिनी कुंड बैराज पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि यमुना का जलस्तर भले ही बढ़ा है, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। चीफ इंजीनियर नीतिश जैन ने बताया कि बैराज की क्षमता 9,95,000 क्यूसेक तक पानी रोकने की है, इसलिए फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं है। उन्होंने बैराज के सभी गेटों का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि पानी सुचारु रूप से बह रहा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि भिवानी, जींद और करनाल जैसे जिलों में स्थिति सामान्य बनी हुई है।

खतरनाक बनी लकड़ी निकालने की प्रवृत्ति

यमुना नदी में तेज बहाव के कारण कई पेड़ और लकड़ियां नदी में बह कर आती हैं। हथिनी कुंड बैराज के गेट खुले होने पर ये लकड़ियां बहती रहती हैं। कुछ लोग जोखिम उठाकर इन लकड़ियों को निकालने में जुटे हैं, जो बेहद खतरनाक है। सिंचाई विभाग बार-बार चेतावनी जारी कर चुका है कि यह कार्य जानलेवा हो सकता है, फिर भी लोग इस काम को अपनी आजीविका के लिए कर रहे हैं। प्रशासन ने इस मामले पर सतर्कता बढ़ा दी है ताकि कोई बड़ा हादसा न हो।

बाढ़ से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने नागरिकों से अपील की है कि वे यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर घबराएं नहीं, बल्कि प्रशासन के साथ संपर्क बनाए रखें और सभी सतर्कता बरतें। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर 01732-237811 जारी किया है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त की जा सके। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें और हर संभव मदद सुनिश्चित करें।

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