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पानीपत में चेतावनी स्तर बह रही यमुना, हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़ा जा रहा पानी

प्रशासन व सिंचाई विभाग अलर्ट, तटबंध की निगरानी कर रहीं टीमें, आसपास के गांवों में ठीकरी पहरा लगा
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पानीपत में हरिद्वार हाईवे पर बने पुल के नीचे चेतावनी स्तर के पास बहता यमुना का पानी। -हप्र
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पहाड़ों व मैदानी क्षेत्र में हो रही बारिश से पानीपत में यमुना नदी ऊफान पर चल रही है। जिले में पिछले 3 दिनों से यमुना का पानी चेतावनी स्तर 231 मीटर के आसपास चल रहा है। पानी कभी चेतावनी स्तर तक पहुंच जाता है तो कभी करीब 10 सेमी कम हो जाता है। हथिनी कुंड बैराज से यमुना में हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते यमुना का पानी चेतावनी स्तर के आसपास ही अभी स्थिर बना हुआ है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 29-30 अगस्त की रात को 1 बजे 47,595 क्यूसेक, 3 बजे 50,204, 6 बजे 49,009, 7 बजे 50,643, 10 बजे 47,276 व दोपहर को 12 बजे 49,717 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। शनिवार दोपहर बाद 1 बजे 51,331 क्यूसेक, 5 बजे 58,540, 8 बजे 53,950, 11 बजे 45,038 और रात को 12 बजे 53,355 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं 30-31 अगस्त की रात 1 बजे 41,650 क्यूसेक, सुबह 5 बजे 41,597, 9 बजे 44,245 और दोपहर 12 बजे 39,875 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग अलर्ट मोड पर है। सिंचाई विभाग के एसडीओ, जेई व बेलदारों की टीम निरंतर यमुना तटबंध की निगरानी कर रही हैं। यमुना के आसपास के गांव में बीडीपीओ के माध्यम से ठीकरी पहरा लगवाया हुआ है और किसानों को मुनादी करवा कर खेतों में ना जाने की सलाह दी गई है। इसको लेकर बापौली व सनौली बीडीपीओ कार्यालयों में कंट्रोल रूप भी बनाया गया है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी यमुना की पल-पल की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दे रहे हैं। डीसी डॉ. वीरेंद्र दहिया ने बताया कि जिले में स्थिति नियंत्रण में है और कोई भी खतरे वाली बात नहीं है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार रविवार को यमुना नदी में करीब 5.75 लाख क्युसिक पानी बह रहा है जबकि यमुना के पानी की क्षमता 7 लाख के करीब है।

तीन गांव में यमुना तटबंध के अंदर जमीन का कटाव जारी

गांव नवादा आर, खोजकीपुर व हथवाला में यमुना के पानी द्वारा तटबंध के अंदर कटाव पिछले काफी दिनों से किया जा रहा है। कटाव रोकने के लिये सिंचाई विभाग की टीमें सभी प्रयास कर रही हैं, लेकिन यमुना में ज्यादा पानी आने से कटाव वाले स्थान तक पहुंचना संभव नहीं है। जिसके चलते गांव नवादा आर के पास कटाव को रोकने के लिये मिट्टी के कट्टे आदि डालने का कार्य एक सप्ताह से बंद पड़ा है और 3 दिनों से गांव खोजकीपुर व हथवाला में कटाव रोकने का कार्य बंद है। सिंचाई विभाग के एसडीओ सतीश कुमार का कहना है कि यमुना में पानी कम होने पर कटाव वाले स्थान पर मिट्टी के कट्टे व पेडों की टहनियां डलवाई जाएगी। पानी ज्यादा होने पर कटाव तक जाने का रास्ता ही नहीं है।

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निचले इलाकों में जलभराव, लोगों ने झेली परेशानी

पानीपत (हप्र) : पानीपत में रविवार सुबह से लेकर दोपहर तक और शाम को हुई बारिश से निचले क्षेत्रों में जल भराव होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। पानीपत शहर में जीटी रोड पर भी कई स्थानों पर जलभराव होने से वाहन चालकों को दिक्कत हुई। जिला के इसराना में रोहतक हाईवे की मैन फोर लेनों पर और सर्विस रोड पर पानी भरने से वाहन चालकों व राहगीरों को भारी परेशानी हुई। वहीं बारिश होने से शहर के बाजार भी सुनसान रहे और बहुत कम लोग ही बारिश के चलते अपने घरों से बाहर निकले। हालांकि रविवार दोपहर को बारिश बंद होने पर मौसम एक बार साफ हो गया लेकिन शाम को फिर से बारिश शुरू हो गई और देर शाम तक बारिश चल रही है। रविवार को लगातार कई घंटों तक हुई बारिश से किसानों को भी अब धान व सब्जियों की फसलों में नुकसान हुआ।

बरवाला के 40 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप

बरवाला (हिसार) (निस) : बरवाला में रविवार को जबरदस्त मूसलाधार बरसात से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए। आलम ये था कि बिजली घरों में भी पानी भर गया। पावर हाउस और मेन कंट्रोल रूम बरसाती पानी में डूब गए। बरवाला के मुख्य बिजली घर में जल भराव के कारण कंट्रोल रूम तथा मुख्य ट्रांसफार्मर पानी में डूबने से बरवाला व आसपास के लगभग 40 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बिजली आपूर्ति बहाल होने में 24 घंटे से अधिक का समय लग सकता है। इसी प्रकार राजली गांव में भी पावर हाउस में पानी भर गया। गांव चैनत में सड़क धंसने से बरवाला हांसी मार्ग पर यातायात बंद हो गया। यहा कई वाहन धंस गए। बरवाला के उपमंडल स्तरीय सरकारी अस्पताल में जल भराव के कारण कामकाज बंद है। मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया।

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