घरौंडा के गांव लालुपुरा इलाके में यमुना का कटाव, मौके पर 150 मनरेगा मजदूर तैनात
क्षेत्र के लालुपुरा यमुना इलाके में सोमवार तड़के से ही हालात बिगड़ने शुरू हो गए। सुबह करीब तीन बजे यमुना का जलस्तर बढ़ने पर नदी ने कटाव शुरू कर दिया। लालुपुरा ग्राम पंचायत के मुताबिक, करीब दो से ढाई एकड़ जमीन यमुना में समा गई। फिलहाल यमुना में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी चल रहा है, जबकि 3.18 लाख क्यूसेक पानी शाम तक पहुंचने का अनुमान है। इस वजह से आसपास के गांवों लालुपुरा, बल्हेड़ा, मुंडोगढ़ी और गढ़ीभरल को भी अलर्ट पर रखा गया है। इन इलाकों में यमुना के अंदर बने खेतों में पानी घुस चुका है और भी पानी बढ़ेगा तो पानी बांध तक पहुंच सकता है और उसके बाद खतरा भी बढ़ सकता है।
यमुना में बढ़ते पानी को देखते हुए प्रशासन तुरंत हरकत में आया। नहरी विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कटाव रोकने का काम शुरू कर दिया। करीब 150 मनरेगा मजदूरों को मौके पर तैनात किया गया है, जो मिट्टी और रेत के कट्टे भरकर यमुना में डाल रहे हैं। इसके अलावा लकड़ी की बल्लियां और लोहे की करेट लगाकर भी नदी के बहाव को रोकने की कोशिश की जा रही है। कटाव को रोकने के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली भी लगातार काम कर रहे हैं। सुबह कटाव की जानकारी मिलते ही बीडीपीओ सोमबीर खटकड़ मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया और नहरी विभाग को कटाव रोकने के लिए हर जरूरी संसाधन जुटाने के निर्देश दिए। वहीं नहरी विभाग के एसडीओ विजय सैनी ने बताया कि अभी पानी का दबाव संभाला जा सकता है, लेकिन जैसे ही शाम तक छोड़ा गया 3.18 लाख क्यूसेक पानी यहां पहुंचेगा, हालात और गंभीर हो सकते हैं।
बारिश ने बढ़ाई चिंता, 350 एकड़ फसल पानी में डूबी
कलायत (निस) :
खरक पांडवा गांव में लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। करीब 350 एकड़ फसल पानी में डूब गई है। इनमें धान, पशुओं के चारे और सब्जियों की फसलें शामिल हैं, ग्रामीणों का कहना है कि जलभराव की समस्या हर साल बारिश के मौसम में होती है। इसका मुख्य कारण गांव के पास से गुजर रहे एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण है, जिनके बनाते समय पानी की निकासी का कोई उचित इंतजाम नहीं किया गया। स्थानीय किसान जरनैल सिंह, बलवान, राजेश और प्रमोद व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों से पानी निकालने के लिए पंप लगाने की कई बार अपील की है।
कटाव ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ाई
* लालुपुरा गांव में सुबह से ही कटाव जारी रहने से ग्रामीणों में चिंता है। सरपंच ओमबीर ने बताया कि अब तक दो से ढाई एकड़ खेत यमुना में समा चुका है। अगर पानी का दबाव और बढ़ा तो गांव की ओर खतरा बढ़ सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मजबूत बैरिकेडिंग और स्थायी समाधान की मांग की है। वहीं, बल्हेड़ा गांव के सरपंच सागर और प्रतिनिधि सुक्रम पाल ने कहा कि तब तक कोई खतरा नहीं होगा जब तक बांध सुरक्षित है। गढीभरल में यमुना के अंदर खेतों को यमुना ने डूबो दिया। दोपहर तक करीब तीन से साढ़े तीन फुट तक पानी था। गढ़ीभरल गांव के पूर्व सरपंच शौकीन कुमार ने कहा कि अभी यहां स्थिति ठीक है,
* प्रशासन ने कहा- हालात पर नजर, हर कदम उठाया जा रहा...बीडीपीओ सोमबीर खटकड़ ने कहा कि यमुना के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। लालुपुरा इलाके में नहरी विभाग की टीम तैनात है और कटाव रोकने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। आसपास के गांवों को भी अलर्ट पर रखा गया है।