महिलाएं करें जलवायु संरक्षण मुहिम का नेतृत्व : वीरेन्द्र चौहान
हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझकर अपने स्तर पर हरित पहल करनी चाहिए। डॉ. चौहान राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान, दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संस्थान में चल रहे तीन दिवसीय ‘जलवायु नेतृत्व एकीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम’ में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि संस्थान ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं में नेतृत्व और जिम्मेदारी की भावना विकसित कर रहा है।
डॉ. चौहान ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तेजी से दिखाई दे रहे हैं। हमें स्थानीय स्तर पर सतत विकास के ऐसे मॉडल तैयार करने होंगे जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज के आर्थिक विकास में भी सहायक हों। इस कार्य की अगुवाई महिलाएं करें तो जल्द परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि जैसे महिलाएं भारतीय संस्कृति की पुरुषों की तुलना में अधिक प्रभावी संरक्षक हैं ठीक उसी तरह पर्यावरण और जलवायु से जुड़े मसलों पर सनातन ज्ञान परंपरा से वे प्रभावी समाधान खोज सकती हैं।
निदेशक ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे अपनी ऊर्जा और नवाचार का उपयोग पर्यावरण हितैषी पहल के लिए करें, ताकि आने वाली पीढिय़ों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
संस्थान में सहायक आचार्य संदीप भारद्वाज ने बताया कि महिलाओं का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जर्मन विकास सहयोग परियोजना ‘क्लाइमेट अडैप्टेशन, रेजिलियंस, फाइनेंस इन रूरल इंडिया (काफरी-2)’ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संघीय गणराज्य जर्मनी के बीच द्विपक्षीय सहयोग के अंतर्गत जी आई जेड इंडिया की एक पहल है, जिसे कनेक्टिंग ड्रीम्स फाउंडेशन के सहयोग से निहित किया जा रहा है।
