देश का गौरव बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : आचार्य देवव्रत
रोहतक में गुजरात व महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि देश का गौरव बढ़ाने में महिलाओं का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन करके देश की प्रगति में योगदान दे रही हैं। राज्यपाल रोहतक में द हरियाणा टॉक्स द्वारा आयोजित महिला सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भारत की बेटियां बढ़ा रही देश का गौरव : राज्यपाल
उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियों न केवल लड़ाकू विमान उड़ा रही है, बल्कि हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने दीक्षांत समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी वे किसी दीक्षांत समारोह में जाते हैं तो गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में 10 में से 8 की संख्या लड़कियों की होती है। उन्होंने कहा कि सृष्टि तो भगवान ने बनाई है लेकिन सृष्टि को गति देने का काम नारी कर रही है।
'वैदिक काल में नारी-पुरुष में भेद नहीं था'
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वैदिक काल में पुरुष व नारी के बीच भेदभाव नहीं था लेकिन गुलामी के दौरान नारी के सम्मान पर आघात हुआ। यह देश की गुलामी का कारण ही था कि महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था और पर्दाप्रथा भी तभी शुरू हुई थी। उसी दौरान महिलाओं को उनकी प्रतिभा के अनुसार अवसरों से वंचित कर दिया गया था, लेकिन महर्षि दयानंद सरस्वती ने महिलाओं के अधिकारों को बहाल करने के लिए संघर्ष किया। दयानंद सरस्वती ने अपने संदेश में कहा कि जिन घरों में महिलाओं का सम्मान होता है, वहां देवता करते हैं।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर विधायक भारत भूषण बतरा, सुनील सांगवान, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, एलपीएस बोसार्ड के एमडी राजेश जैन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमंत बख्शी, एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, सुपवा के कुलपति अमित आर्य, पीजीआई के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल, अंशुल पठानिया, वीरेंद्र राठी, डॉ. आदित्य बतरा, संपूर्ण सिंह, डॉ. सोनिका मान, जिला परिषद की चेयरमैन मंजू हुड्डा, डॉ. शरणजीत कौर, वृंद्धा वशिष्ट, निकिता गर्ग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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